ठंड रख कलमाड़ी !
अदालत ने पूछे ये कैसे सवाल ?
गलते-गलते रह गयी मेरी काली दाल,
कैसे जान गए वे मेरी तिनको वाली दाढ़ी ?
मन को समझाना होगा !ठंड रख कलमाड़ी .
शिखा कौशिक
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दलितों की खैरख्वाह !
दलितों के घर जाने का केवल मुझको अधिकार ;
मैं ही उनकी खैरख्वाह ;मुझको ही उनसे प्यार ;
राहुल की पदयात्रा -दलित प्रेम सब ढोंग;
मैं मीठी मिश्री सदृश ;राहुल है तीखी लौंग .
फ्लॉप शो !
शिखा कौशिक
दयानिधि के इस्तीफे में देरी क्यों ?
मैं तो सीधा -सच्चा हूँ ;
क्या जानूं क्या घोटाला ?
ऊपर से लगवा डाला
मैडम ने मुंह पर ताला ;
इस्तीफे लेने में मुझसे
हो गयी देर -सबेर ;
मेरे घर में ''देर '' है
पर नहीं कभी अंधेर .
शिखा कौशिक