चेले और शागिर्द

रविवार, 27 नवंबर 2011

सपने में हाथी दिखे ,इसका फल समझाएं ?

[राहुल, कांग्रेस को सपने में खदेड़ता है हाथी : मायावती]



[google se sabhar ]
सपने में हाथी दिखे ,इसका  फल समझाएं  ,
पंडित जी हँसकर कहें -पहले यह बतलाएं 
कौन पहर देखा उसे? कैसी उसकी चाल ?
गर वो था बी.एस .पी. का तो आगे कौन हवाल ?
                            शिखा कौशिक  

शरारती छात्र राहुल -मैडम माया नाराज !

शरारती छात्र राहुल -मैडम माया नाराज !

Chief Minister of the state of Uttar Pradesh, Mayawati addresses the ...
मैडम माया कर रही राहुल की कान खिचाई ;
संसद क्लास बंक करी ,मैडम को नहीं भायी;
प्रश्नोत्तर सब छोड़कर ,राहुल करता नौटंकी;
माया के स्कूल की बज गयी छुट्टी की घंटी .
                                              शिखा कौशिक 

शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

नेता हड़ताल क्यों नहीं करते ?

नेता हड़ताल क्यों नहीं करते ?
Sharad Pawar
नेताओं के धैर्य  का जवाब नहीं होता ;
कितने कर्तव्यनिष्ठ  है ?हिसाब नहीं होता ;
जिस मुद्दे पर यूनियन कर देती हैं हड़ताल 
उस मुद्दे को नेता जी पुलिस पे देते टाल !
                                                   शिखा कौशिक 

बुधवार, 23 नवंबर 2011

अन्ना ! सत्ता मद दूर करने के लिए कितने डंडे लगाने चाहियें ?

अन्ना ! सत्ता मद दूर करने के लिए कितने डंडे लगाने चाहियें ?
Anna-Hazare.jpgManish Tiwari said that i am all for a strong and effective Lokpal. I ...
[गूगल से साभार ]
अन्ना सच हैं बोलते पर नेता करें विरोध ;
उनके हर एक बयाँ पर नेता करते हैं क्रोध ;
बड़ी सही उक्ति कही; छुडवाने को मधुपान  ;
सत्ता मद में चूर  कहें इसे तालिबानी-फरमान   .

                              शिखा कौशिक 
               [नेता जी क्या कहते हैं ? ]

रविवार, 20 नवंबर 2011

योग गुरु ये क्या कहा ?


योग गुरु ये क्या कहा ?

[बाबा रामदेव ने कल मिर्जापुर में  कहा है कि-राहुल गाँधी पी.एम्.बनने  का ख्वाब देख रहें है जबकि इस दौड़ में उनका नाम कहीं नहीं है .]
Baba RamdevRahul Gandhi
[google se sabhar]
कुछ भी तुम हो बोलते ;कौन तुम्हे समझाएं ?
योग गुरु ये क्या कहा ?सब जन हँसी उड़ायें ;
वर्षों से जो खुद रहा इस पद को ठुकराए ;
पी.एम्. पद की दौड़ में वो क्यों  दौड़ लगाये ?
                                        शिखा कौशिक 

दो बेचारे !


दो बेचारे !


पहला   पी .एम् . बनकर  पछता  रहा  ;
दुसरे   को  पी .एम् . न  बनने  का  गम  खा  रहा  ;
दूसरे  को  पहले  पर  ''दया  '' आ  रही  
और  हम  को दोनों पर  रोना  आ  रहा  .
                                               शिखा कौशिक 
                       [नेता जी क्या कहते हैं ]

मंगलवार, 15 नवंबर 2011

इलेक्शन आने वाला है !

इलेक्शन आने वाला है !



मेरे दरवाजे पर  हुई थी खट खट
मैं चला खोलने उसको झट पट 
वे खड़े हुए थे हाथ जोड़कर  
मैं देख रहा था उन्हें चौककर 
फिर समझ में आया ये सब क्या गड़बड़झाला है ?
इलेक्शन आने वाला है !




वे बोले हम हैं सेवक और तुम हो स्वामी 
हम दीन हीन से भक्त ;तुम अंतर्यामी 
वे झुके चरण छूने को ज्यों ही नीचे 
मैं हटा बड़ी तेजी से थोडा पीछे 
वे बोले हाथ तुम्हारे अब लाज बचाना है .
इलेक्शन आने वाला है !

जो काम कहोगे सब कर देंगें
बर्तन मान्जेंगें ;कपडे धो देंगें
हम एक जात के ये भूल न जाना
बस नाम हमारे पर बटन दबाना
वोट मांगने का उनका अंदाज निराला है .
इलेक्शन आने वाला है !




मैं बोला दूंगा वोट सोच समझ कर
जात धर्म से ऊपर उठकर
तुम तो करते हो झूठे वादे
नहीं रखते हो तुम नेक इरादे
जनता जीजा होती है और नेता साला है .
इलेक्शन आने वाला है !




वे बोले लगता तुझे समझ न आया
तू नहीं जानता नेता की माया
तू न सुधरा तो उठवा लेंगें
तेरी वोट खुद ही हम डलवा  लेंगें 
हम तन के उजले हैं पर मन तो काला है .
इलेक्शन आने वाला है !


                                  शिखा कौशिक















मंगलवार, 8 नवंबर 2011

नेता जी क्या कहते हैं ?


जिस जनता की खातिर 
हम तिल-तिल कर हैं मरते ,
सरकारी गाड़ी में हम 
दौरे करते फिरते ;
वो जनता जब  देती  ताने 
वो भी सहते हैं ,
नेता जी क्या कहते हैं ?

वोट के बदले नोट हैं देते 
उन्हें पिलाते दारू ,
सत्ता-दूध इसी से मिलता 
जनता गाय दुधारू ;
ये जो रूठे;सपने टूटे 
आंसू बहते हैं ,
नेता जी क्या कहते हैं ?

मीठे-मीठे भाषण देकर 
झूठे करते वादे ;
घोटाले करते रहते 
वैसे हैं सीधे-सादे ;
सत्ता पाकर सत्ता-मद में 
डूबे रहते हैं ;
नेता जी क्या कहते हैं ?

ए. सी. रूम  के भीतर  
नीति  निर्धारित करते 
लूट के जनता का पैसा 
अपने घर में भर लेते ;
जनता जूते मारे तब भी 
हम हँस देते हैं ;
                                                     शिखा कौशिक 


सोमवार, 7 नवंबर 2011

राजनीति है जहर !

राजनीति है जहर !



एक पार्टी के पीछे क्यों पड़े हो अन्ना ?
सभी चूसती खून समझ जनता को गन्ना ;
संभल-संभल कर चलो ;बचा कर खुद को रखना ;
राजनीति है जहर,बड़ा घातक है चखना .

  शिखा कौशिक 

शुक्रवार, 4 नवंबर 2011

मान हमारा अहसान अन्ना !

मान  हमारा अहसान अन्ना !
                      [google se sabhar]
एक ओर तो योगगुरु  कर रहे खुलेआम ऐलान  
मैंने ही दिलवाई अन्ना को उत्तर में पहचान  
वही दूसरी ओर BJP कहती  सीना तान 
बचा हमारे ही कारण अन्ना का  सम्मान 
                                    शिखा  कौशिक