चेले और शागिर्द

मंगलवार, 30 अगस्त 2011

नेता जी की ओर से ''ईद मुबारक ''



ओम पुरी व् किरण ने किया बदनाम है नाहक ,
नेताओ के विरुद्ध ये करते प्रचार भयानक ,
नेता-जनता मिलन ही ; है देश-विकास सहायक ,
छोडो  ये सब बात अब ;पहले हो 'ईद मुबारक'



रविवार, 28 अगस्त 2011

ANNA WHY DID YOU BREAK OUR HEART-NETA JI ASKED HIM !

 

ANNA WHY DID YOU BREAK OUR HEART-NETA JI ASKED HIM !

अन्ना  ने तो तोड़ दिया अब अपना उपवास,
लेकिन  हम नेताओं का पत्ता  कर  दिया साफ़ ;
मुंह  छिपाते  फिर  रहे ;आती नहीं है  साँस;
सारी  जनता उड़ा  रही हम सबका उपहास .


                                       शिखा कौशिक 
               http://netajikyakahtehain.blogspot.com

रविवार, 21 अगस्त 2011

नेता जी की अपील ''शोर मत मचाओ ''

नेता जी की अपील ''शोर मत मचाओ ''
Supporters of Indian rights activist Anna Hazare shout slogans during a rally in Mumbai, India, Tuesday, Aug. 16, 2011. The prominent activist who had announced an indefinite hunger strike to demand tougher anti-corruption laws was detained early Tuesday morning, police said.(AP Photo/Rafiq Maqbool)
     [yahoo न्यूज़ से साभार ]

 ना डंडे से डरते हैं  ,  न बारिश से डरते हैं,
''अन्ना'' के समर्थक  शोर बहुत  करते हैं,
ये  सुनकर मैंने तो कानों पर रख लिए हाथ हैं
''अन्ना तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं''

                                   शिखा कौशिक http://netajikyakahtehain.blogspot.com

                                 

गुरुवार, 18 अगस्त 2011

सत्ता विहीन नेता जी का अन्ना को समर्थन !


भूल न जाना अन्ना तुम अपना कारावास ,
पंद्रह दिन गर्दन दबा; भ्रष्टों की रोको साँस ,
मैं भी साथ तुम्हारे हूँ; कर लो अब विश्वास ,
सच का देता साथ मैं; सत्ता न हो जब पास .

                           शिखा kaushik 

रविवार, 14 अगस्त 2011

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें !

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें !

भाइयो और बहनों -आज का दिन यादगार है ,
आजादी मिली  थी हमें ;ये राष्ट्रीय त्यौहार है,
हर साल की भांति हमारे भाषण का यही सार  है,
कुछ हो चुके हैं और कुछ घोटाले होने को तैयार हैं.
जय भ्रष्ट सरकार  की !
शिखा कौशिक 


मंगलवार, 2 अगस्त 2011

मानसून सत्र !

मानसून  सत्र !
संसद में घिर आयें हैं टकराव के बादल
सुन विपक्ष का गर्जन  ,सत्ता  रही दहल 
बनकर  'सुषमा' दामिनी कड़क -कड़क कर  बोले  
बिना मुंडाएं पड़  गए मनमोहन के सिर ओले .
                         शिखा कौशिक