सी.एम्.जब प्रदेश की करने निकली सैर ;
अधिकारी थे खौफ में ,मांगे रब से खैर ;
पर जनता को मिल गयी मुंह मांगी सौगात ;
बिजली दर्शन दे रही ,सारे दिन और रात .
शिखा कौशिक
http://netajikyakahtehain.blogspot.com/
अधिकारी थे खौफ में ,मांगे रब से खैर ;
पर जनता को मिल गयी मुंह मांगी सौगात ;
बिजली दर्शन दे रही ,सारे दिन और रात .
शिखा कौशिक
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4 टिप्पणियां:
सारे दिन और रात, परेशान फुटपाथों के वासी
मांगते रहते भीख, खाते रोटी रोज बासी
और का कहें, चली आ रही चुनावों की बेला
गली गली अब लगा करेगा, नेता जी का मेला.
चलो इसी बहाने जनता को कुछ सुविधा तो मिल गई।
वीआईपी आगमन के पहले अफसर सब कुछ चकाचक कर देते हैं।
अच्छा व्यंग्य।
बधाई हो आपको।
kya kah diya aapne muhn se vah vah ke siva koi shabd nahi nikalta.vah vah vah vah .....................
सत्य ही लिखा तुलसी जी ने "भय बिनु होय न प्रीत"
चलो भय से ही सही जनता को ये अधिकारी सुविधाएं तो दे रहे हैं
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