उतरा मेरा प्लेन तो
भाषण मेरा सुनने को
वो थी मचल रही ,
मोबाईल केमरा से
फोटो रहे थे खीच ,
प्यासी जनता बहा पसीना
धरती रही थी सीच,
मैं ज्यों ही स्टेज पर
देने लगा भाषण,
तब घटी घटना ;
पर मैं हूँ विलक्षण ,
तेजी से एक जूता
मेरी तरफ आया ,
मैंने भी अपनी फुर्ती का
कमाल दिखाया ,
कर लिया जूते को
जल्दी से मैंने कैच ,
तालियाँ बजी ,मैं
जीत गया मैच .
6 टिप्पणियां:
kya kahne.netaon ke man ki vastvik sthiti khol kar rakh di.bahut badhiya.badhai..
tanz ke nazariye se likhi rachna kafi behtar.
shukriya
aise hi zari rakkhen.
superB
i am sorry, i have copied and pasted your blog items in my blog.
hope you do not mind it.
http://worldisahome.blogspot.com/2011/02/blog-post_2139.html
ashok gupta
delhi
माननीय प्रधान मंत्री जी
सादर प्रंणाम !
सेवा में .
खुदगरजो इस देश को तुमने देखो कंगला कर डाला
तिरसठ साल से देश हमारा भूख गरीबी भोग रहा
उग्रवाद का रुप भयानक इक दिन एसा बरपेगा
बात समझ लो वक्त के रहते वक्त हाथ न आएगा
रोक लगा दो दस वर्षों तक शादी के इन उत्सव पर
बच्चे पैदा बन्द न होंगे देश कभी न सुधरेगा
पांच साल क्या ठेकेदारो सारी उम्र लगा देना
नसबन्दी अभियान चलाओ देश तभी कुछ सुधरेगा
बंगलादेशी या परदेसी बाहर निकालो देश से इनको
कुछ वोटो का लालच वरना नर्क बनाता जाएगा
पंडा ,मुल्ला,रागी.ईसा खेल रचाए बैठे हैं
खेल है इनका उल्टा पुलटा देश के ठेकेदारो का
शर्म हया की सब सीमाऐं नेताओ ने तोड हैं दी
इक दूजे पे वार है करना अब जूते ओर चप्प्लों का
कानून बने इस देश मे एसा सब धर्मो पर लागू हो
बात समझ न आए, उसको देश मे हक नही रहने का
आपका
पुरुषोत्तम अब्बी "आज़र"
माननीय प्रधान मंत्री जी
सादर प्रंणाम !
सेवा में .
खुदगरजो इस देश को तुमने देखो कंगला कर डाला
तिरसठ साल से देश हमारा भूख गरीबी भोग रहा
उग्रवाद का रुप भयानक इक दिन एसा बरपेगा
बात समझ लो वक्त के रहते वक्त हाथ न आएगा
रोक लगा दो दस वर्षों तक शादी के इन उत्सव पर
बच्चे पैदा बन्द न होंगे देश कभी न सुधरेगा
पांच साल क्या ठेकेदारो सारी उम्र लगा देना
नसबन्दी अभियान चलाओ देश तभी कुछ सुधरेगा
बंगलादेशी या परदेसी बाहर निकालो देश से इनको
कुछ वोटो का लालच वरना नर्क बनाता जाएगा
पंडा ,मुल्ला,रागी.ईसा खेल रचाए बैठे हैं
खेल है इनका उल्टा पुलटा देश के ठेकेदारो का
शर्म हया की सब सीमाऐं नेताओ ने तोड हैं दी
इक दूजे पे वार है करना अब जूते ओर चप्प्लों का
कानून बने इस देश मे एसा सब धर्मो पर लागू हो
बात समझ न आए, उसको देश मे हक नही रहने का
आपका
पुरुषोत्तम अब्बी "आज़र"
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