चेले और शागिर्द

बुधवार, 16 अप्रैल 2014

नफ़रतें भूल 'साहेब' प्यार खूब चाहने लगा !




सन्दर्भ -

'बनारस में मिलूंगा, मु‌स्लिम प्यार करने लगेंगे'

[इन दिनों मोदी को लेकर बनारस के मुस्लिमों के बीच डर की बात खूब कही जा रही है। इस पर मोदी ने जवाब दिया, "मैं बनारस किसी को हराने नहीं जा रहा, बल्कि सभी के दिल जीतने जा रहा हूं। जब मैं वहां जाकर उनसे मिलूंगा, वो भी मुझसे मोहब्बत करने लगेंगे।"]

Narendra Modi refuses to put on 'skull cap' offered by ...

Shiv Sena praises Modi for not wearing skull-cap | Day ...]



सियासत खेल तेरा रंग  खूब लाने लगा ,
नफ़रतें भूल 'साहेब' प्यार खूब चाहने लगा !
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जिन्हें बताता था हिन्दुओं का हत्यारा ,
बन के महबूब गले उनको ही लगाने लगा !
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बड़ा मक्कार ये रंगरेज सियासत के लिए ,
देखो भगवा में हरा रंग है मिलाने लगा !
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कभी हँसता था मासूमों की आहों पर ,
खूनी हाथों से 'साहेब' ज़ख्म अब सहलाने लगा !
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यूँ तो 'साहेब' का दिल पत्थर सा कड़क है 'नूतन' ,
ना जाने दिल में रहम कैसे नज़र आने लगा !


शिखा कौशिक 'नूतन'



1 टिप्पणी:

Shalini kaushik ने कहा…

ek ek bat sahi kahi hai aapne .very nice expression .