मनमोहन के तेवर !
''मौन तोड़ता हूँ अपना,बात सुनो अब मेरी ,
न तो मैं कमजोर हूँ ;न पद मेरी कमजोरी ,
अन्ना तो कठपुतली हैं ;किसी और हाथ है डोरी ,
मैं करता खुलेआम सब ,नहीं किसी से चोरी .''
शिखा कौशिक http://netajikyakahtehain.blogspot.com