नेता ह्रदय शूल ''अन्ना'
सत्ता-सुख का चूस रहे थे हम सब मिलकर गन्ना ,भ्रष्ट आचरण से पूरी की हमने हरेक तमन्ना ,
लेकिन अब तो सारी जनता कहती हमें निकम्मा ,
हाय ह्रदय में शूल सा चुभता हमको तो ये ''अन्ना'.
शिखा कौशिक
http://netajikyakahtehain.blogspot.com/
1 टिप्पणी:
बेहतरीन कविता.जितनी प्रशंसा की जाय....
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