नेता जी की परेशानी
कभी नेता जी कहकर जो सिर पर बिठाते थे ,
बड़ा सम्मान देकर अपने घर बुलाते थे ,
चरण छूते थे और जान भी लुटाते थे ,
वही जनता हमें अब आँख क्यों दिखाती है ?
मेरी रैली में देखों भीड़ घटती जाती है .
[शायद अन्ना का करा धरा है सब ]
शिखा कौशिक
2 टिप्पणियां:
क्या कहिये ऐसे नेताओं का, जिनकी हकीकत छिपी रहे
नकली चेहरा सामने आये, असली चेहरा छिपा रहे
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मीडिया की दशा और दिशा पर आंसू बहाएं
भले को भला कहना भी पाप
aisa lagta hai kiaap netaon par hi d-lit karengi.badhai.safal hongi.
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