चेले और शागिर्द

बुधवार, 20 अप्रैल 2011

नेता जी का खुलासा

नेता जी का खुलासा 

                                    
खुले में हँसते है और अन्दर रोते हैं ,
राजनीति के खेल बड़े गंदे होते हैं ,
जो गले मिलते हैं गला भी काट लेते हैं ,
काम पड़ता है तो तलवा भी चाट लेते हैं .

4 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

bilkul sahi aaklan.

निर्मला कपिला ने कहा…

सटीक।

समयचक्र ने कहा…

बेहद सटीक रचना अभिव्यक्ति ... आभार

महेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा…

जब समय पड़ता है तो तलवा चाट लेते हैं
बिल्कुल सही