चेले और शागिर्द

शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

नेता जी को अफ़सोस

महंगाई  डायन करे हम पर अत्याचार ;
जनता देती गालियाँ , घटता जन आधार ;
ब्लोगर खोलें ब्लॉग पर हमरी सारी पोल ;
घोटाले जो थे किये पिट गया उनका ढोल .
          शिखा कौशिक http://netajikyakahtehain.blogspot.com/

5 टिप्‍पणियां:

दिलबागसिंह विर्क ने कहा…

bhut achchha muktak

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

Sateek

Shalini kaushik ने कहा…

बिलकुल सही अफ़सोस नेता जी को ,ये तो होना ही था...

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

बहुत बढ़िया शिखा जी!

अहसास की परतें - old ने कहा…

सुन्दर, बेहतरीन व्यंग्य