चेले और शागिर्द

शनिवार, 26 अप्रैल 2014

दलित-महिलाओं का अपमान किया है बाबा रामदेव ने !



इतना गिरा हुआ बयान यदि कोई आवारा किस्म का व्यक्ति देता तो  जनता जूतो  से उसकी  पिटाई  की  मांग  करती  और बहुत संभव था खुद ही ये काम कर भी देती ...पर जब योगगुरु के नाम से विख्यात व्यक्ति ऐसा घटिया व् गैर-जिम्मेदाराना ब्यान देता है तब उसके लिए जनता क्या सजा मांगे ? घाटियांपन के रोज़ नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे इस व्यक्ति को बाबा कहना समस्त साधु -संत समाज का अपमान है .इस व्यक्ति ने कहा -राहुल दलित बस्ती में पि‍कनि‍क और हनीमून मनाने जाते हैं।''
                          इस व्यक्ति से पूछा जाना चाहिए कि क्या उसका मानना है कि-

* दलित-बस्ती में ऐसी लडकिया  रहती  हैं  जो  किसी  के लिए भी  ऐसे  कार्य हेतु उपलब्ध है ?
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* क्या राजनैतिक -विद्वेष में राहुल जी के खिलाफ बिना प्रमाण के ऐसे गंदे आरोप लगाकर वे अपने को देश-भक्त प्रदर्शित करना चाहते हैं ?
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* क्या गरीब बस्ती में जाना ,उनका हाल  -चाल पूछना गुनाह है जिसके  एवज  में ऐसे गंदे आरोप लगाये  जायेंगें  ?
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* अब जब आपने इतना संगीन आरोप राहुल जी पर लगाया है तब क्यों न आपसे इसका प्रमाण माँगा जाये और प्रमाण न देने पर आपको जेल भेज दिया जाये .

                             इस व्यक्ति ने दावा किया कि  '' 16 मई के बाद मैया और भैया इटली लौट जाएंगे।'' ऐसा लगता है मैया-भैया इटली जाये या नहीं पर ये व्यक्ति शीघ्र अपनी ससुराल जाने वाले हैं .जेल की हवा में कौन सा योग इनके लिए ठीक रहेगा इस पर  सोच-विचार इन्हें शीघ्र ही कर लेना चाहिए और हां जो स्त्रियां इन तथा-कथित बाबा के योग-शिविर में जाती हैं ,वे इनके शिविरों में जाने से पहले सोच लें कि ये महिलाओं के प्रति कैसे विचार रखते हैं क्योंकि इनके इस बयान ने दलित-लड़कियों व् महिलाओं को जितना अपमानित किया है उतना तो राहुल जी को भी नहीं !

शिखा कौशिक 'नूतन' 

शुक्रवार, 25 अप्रैल 2014

राहुल जी की शादी-बाबा रामदेव की चिंता !


राहुल जी भी नहीं जानते कि उनके कितने  हितैषी  हैं विपक्षी  पार्टियों में ! विपक्षी ये  तो कभी  नहीं चाहते  कि राहुल जी प्रधानमंत्री  बने  पर  वे  उनकी  शादी करवाने  के लिए उनसे  भी ज्यादा  लालायित रहते  हैं .सुब्रमण्यम  स्वामी जी तो ताल ठोककर  यू.ट्यूब  पर  दावा  करते  दिख  ही  जाते हैं कि -''राहुल गांधी  शादीशुदा हैं !''अब राहुल जी की शादी के लिए लालायित बाबा रामदेव  राहुल जी की शादी में आ रही अड़चनों का खुलासा करते हुए बताते   हैं -
''योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि नरेंद्र मोदी की शादी नहीं, राहुल गांधी की शादी एक मुद्दा है। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी एक विदेशी लड़की से शादी करना चाहते हैं।उनकी मां उन्हें ऐसा करने से रोक रही है कि अगर विदेशी लड़की से शादी करोगे तो प्रधानमंत्री नहीं बन पाओगे। ''
        पर एक बात समझ नहीं आती जब राजीव गांधी जी विदेशी सोनिया जी से विवाह करने के बाद भी प्रधानमंत्री बन गए थे तब राहुल जी को इसी आधार पर सोनिया जी क्यों रोकेंगी ? बाबा रामदेव को अपनी पतंजलि में बनने वाली दवाइयों में से बुद्धि तेज करने वाली दवाइयों का सेवन करना चाहिए ताकि अगली बार वे राहुल जी की शादी न हो पाने का कोई ठोस कारण बता सकें .
जय श्री राम !

शिखा  कौशिक  'नूतन ' 

राहुल जी की शादी-बाबा रामदेव की चिंता !


राहुल जी भी नहीं जानते कि उनके कितने  हितैषी  हैं विपक्षी  पार्टियों में ! विपक्षी ये  तो कभी  नहीं चाहते  कि राहुल जी प्रधानमंत्री  बने  पर  वे  उनकी  शादी करवाने  के लिए उनसे  भी ज्यादा  लालायित रहते  हैं .सुब्रमण्यम  स्वामी जी तो ताल ठोककर  यू.ट्यूब  पर  दावा  करते  दिख  ही  जाते हैं कि -''राहुल गांधी  शादीशुदा हैं !''अब राहुल जी की शादी के लिए लालायित बाबा रामदेव  राहुल जी की शादी में आ रही अड़चनों का खुलासा करते हुए बताते   हैं -
''योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि नरेंद्र मोदी की शादी नहीं, राहुल गांधी की शादी एक मुद्दा है। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी एक विदेशी लड़की से शादी करना चाहते हैं।उनकी मां उन्हें ऐसा करने से रोक रही है कि अगर विदेशी लड़की से शादी करोगे तो प्रधानमंत्री नहीं बन पाओगे। ''
        पर एक बात समझ नहीं आती जब राजीव गांधी जी विदेशी सोनिया जी से विवाह करने के बाद भी प्रधानमंत्री बन गए थे तब राहुल जी को इसी आधार पर सोनिया जी क्यों रोकेंगी ? बाबा रामदेव को अपनी पतंजलि में बनने वाली दवाइयों में से बुद्धि तेज करने वाली दवाइयों का सेवन करना चाहिए ताकि अगली बार वे राहुल जी की शादी न हो पाने का कोई ठोस कारण बता सकें .
जय श्री राम !

शिखा  कौशिक  'नूतन ' 

गुरुवार, 24 अप्रैल 2014

उमा भारती जी सबसे ज्यादा ताकतवर है घरेलू महिला !

उमा भारती जी ने प्रियंका गांधी जी द्वारा अपने पतिदेव पर राजनैतिक -विद्वेष के कारण किये जा रहे अनर्गल आरोपों पर पलटवार करने पर कहा है कि -
'' 'वाड्रा को जेल भेजने की बात पर घरेलू महिला की तरह रो रही हैं प्रियंका .उन्होंने कहा कि प्रियंका से उनका कोई मुकाबला नहीं है। प्रियंका घरेलू महिला हैं, जबकि वह चार बार विधायक व पांच बार सांसद रह चुकी हैं। एक बार मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री भी रही हैं। प्रियंका को राजनीति की जानकारी भी नहीं है।.''
मैं उमा जी से केवल इतना पूछना चाहती हूँ कि वे प्रियंका जी को घरेलू औरत कहकर प्रियंका जी का अपमान करना चाहती हैं या घरेलू औरत को कमजोर , परस्थितियों का सामना न कर सकने वाली ,अनपढ़ ,गंवार और भी न जाने क्या प्रदर्शित कर उसका अपमान करना चाहती हैं .
यदि आज समाज के स्वस्थ निर्माण में किसी का सर्वाधिक योगदान है तो वो केवल इस घरेलू महिला का ही है .इस घरेलू महिला ने पति -बच्चों को हर परिस्थिति में संभाला है .इसी घरेलू महिला की प्रेरणा से संतानें विभिन्न क्षेत्रों में कामयाबी का झंडा गाड़ती हैं .यही घरेलू महिला रात भर जागकर परीक्षाओं के समय बच्चों को चाय बना -बना कर देती है और परिवार में किसी भी दुर्घटना के समय अपने आंसू पी कर लड़खड़ाते परिवार की बैसाखी बन जाती है .इस घरेलू महिला को एक शब्द भी कहते समय उमा जी को सोच लेना चाहिए कि विधायक -सांसद तो ये भी बन सकती है पर क्या कोई विधायक या सांसद महिला सारे दिन केवल इस इंतज़ार में खाना बनाकर रख सकती है कि उसके बच्चे -पति भूखे -प्यासे बाहर से आयेगें और वो उनके लिए खाना परोसेगी ,बच्चों की कच्ची-पक्की बातें सुनकर उनका नैतिक मार्ग-दर्शन करेगी और अपने परिवार को ,अपने बच्चो को कभी समाज-विरूद्ध कार्यों में नहीं पड़ने देगी .उमा जी की माता जी भी तो घरेलू महिला रही होंगी .क्या उमा जी ने उन्हें कमजोर पाया ?
उमा जी को तुरंत अपने इस बयान पर माफ़ी मांगनी चाहिए क्योंकि यदि घरेलू महिला को वे कमजोर कहेंगी तो ये सूर्य की ओर धूल उछालने जैसा होगा जो पलट कर डालने वाले के मुंह पर ही पड़ेगी .ऐसा ब्यान एक महिला का दूसरी महिला के खिलाफ सबसे अभद्र श्रेणी का बयान कहलाया जायेगा .
शिखा कौशिक 'नूतन'

बुधवार, 23 अप्रैल 2014

मोदी करेंगें बीजेपी को दण्डित



लो कर लो बात ..हम तो सोच रहे थे कि मोदी जी जिस दिन से बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने हैं तब से इन तिकड़मों में लगें होंगें कि कैसे ये लक्ष्य पूरा हो  -''अबकी बार ...मोदी सरकार '' .कैसे पूरा हो २७२+का मिशन पर बही ये मोदी जी तो अनाड़ी निकले .बात ये है कि मोदी जी ने एक जन-सभा में कहा कि वे उस दिन से सिर्फ ये सोच रहे हैं कि ''  बेरोजगार युवकों की समस्या का हल कैसे हो ,किसानों की समस्या का हल कैसे हो ,बहन-बेटियों  को सुरक्षा व् सम्मान  कैसे मिले ,महगाई का हल कैसे हो ?   '' अब  भला  ये भी   कोई   उनके   अकेले   सोचने   का विषय है .जब सरकार बनाने  में सफलता  मिल  जाये  तब महीने  दो  महीने  सत्ता  सुख  भोग  लेने  के बाद  भी  इस  समस्याओं  पर विचार  हेतु  विचार  किया  जा  सकता है .कमाल  है मोदी जी का , झूठ भी इतनी सफाई के साथ बोलते  हैं कि उनकी पार्टी के लोग भी इसके झांसे में आ जाते हैं .आडवाणी जी को ही लो पहले कहते ''मोदी नहीं कोई और होना चाहिए बीजेपी का प्रधानमंत्री कैंडिडेट '' और अब कहते हैं ''मोदी के नेतृत्व में ही अगली सरकार बनेगी  जनता ने चुनाव से पहले ही तय कर लिया है '' लगता है जनता ने तय किया या नहीं पर आडवाणी जी ने किसी नशे में ये तय कर लिया है .अब मोदी जी मुरली मनोहर को भी जब अपनी मोहिनी से मोहित कर रहे हैं तब बाकी पार्टी का क्या ?बीजेपी से यदि आज की डेट में  आप  पूछँगें कि भ्रष्टाचार का उपाय क्या है ?तो वे कहेंगें ''मोदी '' .यदि आप पूछेगें ''महगाई  कैसे कम होगी ?तो वे कहेंगें '' मोदी '' .आप पूछेंगें ''बहन-बेटियां कैसे सुरक्षित रहेंगी ?तो वे कहेंगें '' मोदी '' आप पूछेंगें ''किसानों की समस्या कैसे हल होगी ? वे कहेंगें ''मोदी '' .सुना था अटल बिहारी जी अफीम का सेवन करके भाषण दिया करते थे पर मोदी जी तो खुद ही बीजेपी वालों के लिए अफीम हो गए हैं .एक मोदी और मर्ज़ हज़ारों पर लोकपाल से बढ़कर हैं ''मोदी'' ,महगाई घटाने वाली दवाई हैं ''मोदी'' ,बहन-बेटियों के अंगरक्षक हैं ''मोदी '' , किसानों के लिए ''वर्षा ,बीज ,खाद और फसल का दाम हैं '' -'मोदी '' .काश मोदी जी दस साल पहले ही बीजेपी को हाइजेक कर लेते तो देश को UPA के हाथ में जाने से रोक देते और सूचना के अधिकार  की जगह होते ''मोदी '' मनरेगा की जगह होते 'मोदी ' खाद्य-सुरक्षा कानून की जगह होते मोदी  और भी बढ़कर हर घर में मोबाइल की जगह होते मोदी .बस और क्या कहें हर मंदिर में भगवान की जगह होते मोदी .बीजेपी को निश्चित रूप से इस बात के लिए सजा दी जानी चाहिए कि उसने इतने प्रतिभाशाली व्यक्ति को दस साल तक राष्ट्रीय-राजनीति से दूर रखा .यकीन ही नहीं विशवास भी है कि मोदी जी ने वरिष्ठ नेताओं को गेट आउट करके इस कार्य का शुभारम्भ  कर भी दिया है .

शिखा कौशिक 'नूतन'

शुक्रवार, 18 अप्रैल 2014

राहुल जी की इस पहल का सम्मान करें श्री मोदी !

राहुल जी की इस पहल का  सम्मान करें श्री मोदी !


श्री मोदी अपनी सभाओं में स्वयं को गरीब व् राहुल  जी को  अमीर व्यक्ति  कह  रहे  हैं .यूँ  तो  ये  किस्मत  की बात  है कि राहुल  जी सोने  की चम्मच  मुंह  में लेकर पैदा  हुए हैं वरना  श्री मोदी उनके गांधी-नेहरू परिवार में जन्म  लेने  पर भी  प्रतिबन्ध  लगा  देते .  श्री मोदी आप  आज  की स्थिति  में ये  कहते  हुए  कि  आप  गरीब  के घर  पैदा  हुए  है इसलिए  गरीब  की व्यथा  को  राहुल  जी से ज्यादा  अच्छी तरह समझ सकते हैं -सच बोलते प्रतीत नहीं होते हैं . आपने अपनी सम्पत्ति एक करोड़ ५१  लाख  घोषित की है जिससे स्पष्ट है कि आज वर्तमान में आप एक करोड़पति है तब खुद को गरीब कहकर गरीबों की वोट  मांगना आपको शोभा नहीं देता .आप के ही समान  एक और दलित नेता हैं 'मायावती जी 'जो गरीब परिवार से आई हैं और आज करोड़पति हैं [Mar 14, 2012 - BSP president Mayawati's assets doubled during her chief ministership ... Rs 88 crore, a gain of at least Rs 35 crore over her 2007 declaration.].उनकी कोठियां हैं और मूर्तियां बनवाई गयी है .आपकी नज़र में वे ही दलितों के दुःख व् दर्दों को जानती होगी फिर क्यों उन्होंने मूर्तियों पर करोडो रुपये बहा दिए जबकि जनता तो रोटी के एक टुकड़े को भी तरस रही है .
      आपने १२,000 करोड़ अपने प्रचार में खर्च कर दिया जबकि आप गरीब परिवार से हैं..आपको ये पैसा गरीबों की दशा में सुधार  लाने  में खर्च नहीं करना चाहिए था क्या ? .आप दिन में तीन तीन बार कपडे बदलते हैं जबकि करोडो गरीबों के पास एक चीथड़ा  भी बदन ढकने के लिए नहीं है .आप हैलीकॉप्टर से यात्रा करते  हैं तब एक गरीब होने के नाते  आपको ये फ़िज़ूल खर्ची नहीं लगती ?
           ये महात्मा बुद्ध का सौभाग्य है कि आप उनके समकालीन न हुए वरना उनपर भी आप यही आरोप लगा देते की एक राजकुमार क्या राज-पथ छोड़कर ऐसे जनता के बीच उनके कल्याण के लिए घूम  सकता है ?
                                      वैसे बहुत सारे माफिया-डॉन भी गरीबी  के कारण अपराध की राह अपनाते हैं क्या आप उनके गरीबों के प्रति प्रेम को ही सच्चा गरीब-प्रेम कहेंगें ? वीरप्पन का उदाहरण सामने है .
    कुटिलता छोड़ कर मोदी जी आपको राहुल जी की इस पहल का सदैव सम्मान करना चाहिए कि वे गरीब के घर जाकर उसकी समस्याओं को जानने का प्रयास करते हैं क्योंकि आप इस मुद्दे पर राहुल जी की हंसी उड़कर वास्तव में मानवीयता की हंसी उड़ाते हैं .

शिखा कौशिक 'नूतन' 

बुधवार, 16 अप्रैल 2014

नफ़रतें भूल 'साहेब' प्यार खूब चाहने लगा !




सन्दर्भ -

'बनारस में मिलूंगा, मु‌स्लिम प्यार करने लगेंगे'

[इन दिनों मोदी को लेकर बनारस के मुस्लिमों के बीच डर की बात खूब कही जा रही है। इस पर मोदी ने जवाब दिया, "मैं बनारस किसी को हराने नहीं जा रहा, बल्कि सभी के दिल जीतने जा रहा हूं। जब मैं वहां जाकर उनसे मिलूंगा, वो भी मुझसे मोहब्बत करने लगेंगे।"]

Narendra Modi refuses to put on 'skull cap' offered by ...

Shiv Sena praises Modi for not wearing skull-cap | Day ...]



सियासत खेल तेरा रंग  खूब लाने लगा ,
नफ़रतें भूल 'साहेब' प्यार खूब चाहने लगा !
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जिन्हें बताता था हिन्दुओं का हत्यारा ,
बन के महबूब गले उनको ही लगाने लगा !
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बड़ा मक्कार ये रंगरेज सियासत के लिए ,
देखो भगवा में हरा रंग है मिलाने लगा !
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कभी हँसता था मासूमों की आहों पर ,
खूनी हाथों से 'साहेब' ज़ख्म अब सहलाने लगा !
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यूँ तो 'साहेब' का दिल पत्थर सा कड़क है 'नूतन' ,
ना जाने दिल में रहम कैसे नज़र आने लगा !


शिखा कौशिक 'नूतन'



सोमवार, 14 अप्रैल 2014

मधुसूदन जी को क्षमा मांग लेनी चाहिए।

सुष्मा स्वराज पर आपत्तिजनक बयानमिस्त्री की शिकायत
[सन्दर्भ -सुष्मा स्वराज ने चुवावों को लेकर एक टिप्पणी देते हुए कहा था कि जल्द ही अच्छी खबर मिलने वाली है।जिसपर अभद्रतापूर्ण टिप्पणी करते हुए मधुसूदन मिस्त्री ने कहा था कि इसके लिए पहले स्वराज को डॉक्टरी जांच करानी पड़ेगी तभी पता चलेगा कि अच्छा समाचार है अथवा नहीं। ]

मधुसूदन जी को अपने सुषमा स्वराज जी पर किये गए अभद्र बयान हेतु बिना समय गंवाए क्षमा मांग लेनी चाहिए।  भारतीय -संस्कृति में शत्रु की स्त्री के लिए भी सम्मान युक्त शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। ये मोदी -संस्कृति है जो सोनिया जी के प्रति व्यंग्यपूर्ण भाव में ''मैडम  सोनिया '' बोलकर जनता से तालियाँ बटोरती है। मधुसूदन जी को  यह भी नहीं भूलना चाहिए कि राहुल जी तो कांग्रेसी नेताओं द्वारा विपक्ष के पुरुष नेताओं पर किये गए अभद्र बयानों तक को पसंद नहीं करते हैं तब सुषमा जी जैसी गरिमापूर्ण विपक्ष की नेत्री पर एक कॉंग्रेसी नेता द्वारा अभद्र बयान देना कैसे पसंद किया सकता है। बेहतर है मोदी -संस्कृति बीजेपी तक ही सीमित रहे। हमें तो कॉंग्रेसी संस्कृति का सम्मान करना ही चाहिए  -

हमें मालूम है वो पीठ पीछे  खंजर चुभाते हैं
मगर हम फूल देकर जख्मों का बदला चुकाते हैं !''

  भारतीय नारी की गरिमा को बनाये रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।

जय -हिन्द , जय -भारत

शिखा कौशिक 'नूतन '

रविवार, 13 अप्रैल 2014

बीजेपी के वीर -जसवंत महावीर

बीजेपी के वीर -जसवंत महावीर 
ऐसा  नहीं है कि आज की भारतीय राजनीति में नेता -वीरों की कमी हो। इस मामले में बीजेपी अन्य राष्ट्रीय पार्टियों से ज्यादा भाग्यशाली है। जैसे कि हम सभी जानते हैं ''इस बार, मोदी सरकार ''  का नारा लेकर राजनाथ सारथी बनकर श्री मोदी के विजय -रथ को लेकर चलने की तैयारी कर ही रहे थे कि आडवानी जी रथ के आगे धरना देकर बैठ गए। वे श्री मोदी को प्रधानमंत्री -पद का उम्मीदवार बनाने के पक्ष में नहीं थे। आडवानी  जी ने अपने ब्रहमास्त्र ''पार्टी से त्यागपत्र ''द्वारा राजनाथ जी को बाँधने का प्रयास किया किन्तु चतुर राजनाथ जी ने अपनी राजनैतिक कुशलता का परिचय देते हुए आडवानी जी को मना लिया। कैसे ? ये तो ''जानि न जाये निसाचर माया '' की भांति छिपा हुआ ही है। रथ लेकर राजनाथ जी थोड़ा आगे बढे ही थे कि रथ की गति फिर से धीमी पड़ गयी। रथ का एक पहिया आडवानी जी ने और एक जसवंत जी ने रोक लिया था। दोनों मनचाहे संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते थे जबकि मोदी सरकार की राय उनसे जुदा थी। आडवानी जी  ने थोड़ी जोर आजमाइश के बाद पहिया फिर से छोड़ दिया पर जसवंत जी ये कहकर कि ''हम असली भाजपाई हैं '' मोदी सरकार के रथ का अगला दाँया पहिया निकाल कर ले गए। तीन पहियों पर भी राजनाथ जी रथ को अपनी सारथी  की कुशलता दिखाते हुए दौड़ाने  लगे पर पिक्चर अभी बाकी  थी। उमा भारती जी ने अपनी वीरता का परिचय देते हुए मोदी सरकार के रथ की पताका ही काट डाली। अपनी भाषण -शैली पर इतराने वाले मोदी सरकार को ''अच्छे वक्ता नहीं '' कहकर उमा जी ने उनके अहंकार को मिटटी में मिला डाला। अब बीजेपी की त्रिमूर्ति में से एक मुरली मनोहर जोशी जी ने वाराणसी सीट छोड़ते समय तो अपनी वीरता को दबा लिया पर ये कहकर कि ''देश में मोदी की नहीं बीजेपी की लहर है '' अपनी वीरता का परिचय दे ही दिया। जो भी हो बाज़ी तो जसवंत सिंह जी ही मार कर ले गए हैं। मोदी सरकार के आगे जिसने सिर नहीं झुकाया महावीर तो वही हैं न और हाँ तीन पहियों का रथ कैसे लक्ष्य तक पहुंचेगा ये देखना भी रोचक होगा !!!

शिखा कौशिक 'नूतन '