चेले और शागिर्द

रविवार, 29 दिसंबर 2013

खून सने हाथ और 'कमल' रहा थाम !!!!!!!


[context-Rajnath compares BJP's PM nominee to Ram]
अधर्म-रथ को ले चला सारथी बेईमान ,
सत्ता के लिए मचलता सारथी बेईमान !
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सत्ता की है ख्वाहिश बेचते ईमान ,
रावण नज़र आता इन्हें भगवान श्री राम !
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है अहम् इस बात का हम चालबाज़ हैं ,
इनके लबों पर नाचती कितनी कुटिल मुस्कान !
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करने लगा राज का ही नाथ पथभ्रष्ट ,
कंस को कहकर कृष्ण कर रहा बदनाम !
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ये नहीं चाहते रहें मिलजुल के हम इस मुल्क में ,
इनको नज़र आते हैं हम हिन्दू व् मुसलमान !
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क़त्ल कर के बेगुनाह का काट कर इंसानियत ,
खून सने हाथ और 'कमल' रहा थाम !!!!!!!
शिखा कौशिक 'नूतन'
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शुक्रवार, 27 दिसंबर 2013

''हाकिम तो मसरूफ है !''

सैफई महोत्सव का शानदार आगाज
जिस दिन से सत्ता पाई है हाकिम तो मसरूफ है ,
हैं दीदार बहुत ही मुश्किल हाकिम तो मसरूफ है !
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पेट पिचककर लगा कमर से ज़ालिम कितनी भूख है ,
किसे पुकारें हाथ उठाकर हाकिम तो मसरूफ है !
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खींच खींच कर एक चिथड़े से बदन ढक रही बहनें हैं ,
आप बचा लो अपनी अस्मत हाकिम तो मसरूफ है !
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दूध दवा पानी को तरसें नन्हें मुन्ने बिलख बिलख ,
मरते हैं तो मर जाने दो हाकिम तो मसरूफ है !
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बिल्कुल नहीं मिटेगा ऐसे दर्द गरीबों का 'नूतन' ,
जब तक सत्ता मद में डूबा हाकिम तो मसरूफ है !

शिखा कौशिक 'नूतन'

गुरुवार, 26 दिसंबर 2013

''आप'' को अलका मुबारक हो !

alka lamba lashes out on congress and rahul gandhi
कभी दूरदर्शन पर अलका लम्बा जी को कॉंग्रेस के समर्थन में विपक्षियों से जोरदार बहस करते देखा था और आज उनके कॉंग्रेस छोड़कर ''आप पार्टी' में शामिल होने की खबर पढ़ी और पढ़ा साथ ही उनका बयान कि -''"मैंने कई बार राहुल गांधी से मिलने की कोशिश की। पिछले तीन साल से मैं यहीं कर रही थी। कई चिट्ठी भी लिखीं, लेकिन किसी ने इस पर गौर नहीं किया।" आखिर क्यों एक पार्टी छोड़ते ही इस तरह के व्यर्थ बयान दिए जाते हैं .आप शालीनता के साथ छोड़ दीजिये यदि आप को किसी पार्टी में घुटन महसूस होने लगी है तो ....पर पार्टी छोड़ते ही उस पार्टी के नेतृत्व को कटघरे में खड़ा करना कहाँ तक उचित है ? ये केवल अपने इस कदम को न्यायोचित ठहराने का एक प्रयास मात्र है कि हम तो पार्टी के बहुत वफादार थे पर नेतृत्व ही हमारी उपेक्षा करता रहा ....क्यूँ देते हैं इतने सस्ते बयान ! वास्तविकता से सब रुबरु हैं ...आप अवसरवादी हैं जिस पार्टी को सत्ता में आते देखते हैं उसकी ओर दौड़ लेते हैं और तुर्रा ये कि ''टीवी चैनल से बातचीत में अलका ने कहा, "मेरे लिए देश सबसे पहले है, देश की जनता सबसे पहले है। लेकिन इस बात का अफसोस रहेगा कि पिछले 15 साल मैं कांग्रेस के लिए काम करती रही, जबकि मुझे उसे देश के लिए खर्च करना चाहिए था।" आप जाइये ...शौक से जाइये पर गरिमा के साथ जाइये ...अपने हितों को देश-सेवा का नाम न दें ....राहुल जी को कटघरे में खड़ा न करें जो इंसान दिन-रात देश की समस्याओं के समाधान के लिए खुद के सपनों को तिलांजलि दे सकता है उस पर आपके द्वारा लगाये गए इल्जाम आपको केवल गद्दार के श्रेणी में खड़ा कर सकते हैं -
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नहीं वे अपने जो साथ छोड़ देते हैं ,
पाने को ताजमहल घर अपना छोड़ देते हैं !

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आते जिसके सहारे गद्दार साहिलों तक ,
पार आते ही कश्ती खुद ही डुबों देते हैं !

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बड़े मासूम बनकर तोहमतें लगाते हैं ,
मिलते ही मौका छुरा आप घोंप देते हैं !
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हर एक घर में पल में रहे हैं सांप ज़हरीले ,
दूध पीते हैं और डंक चुभो देते हैं !
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खेलकर जिसमे बड़े होते हैं बच्चे 'नूतन'
नया घर लेने को उसे आप बेंच देते हैं !

शिखा कौशिक 'नूतन'

रविवार, 15 दिसंबर 2013

”आप” या ”नक्सलवाद का नवीन संस्करण’

aam-aadmi-party
नयी पार्टी जिसकी जीत में कुछ राजनैतिक विश्लेषकों को ''नई राजनीति ' की गुलाबी सुगंध आ रही है यदि उसकी कार्यविधियों व् भाषणों का गहराई से अध्ययन किया जाये तो उसमे भी वर्तमान राजनैतिक व्यवस्था को उखाड़ फेंकने का वही प्रतिशोध नज़र आता है जो दशकों से नक्सलवाद के रूप में फल-फूल रहा है .
ये ईमानदार है ,ये शोषितों के खैरख्वाह है बिलकुल नक्सलवादियों की तरह .ये अपने भाषणों में वर्षों से देश की सेवा करते आ रहे नेताओं को भी नहीं बख्श रहे हैं .ये कॉग्रेस व् बीजेपी दोनों को खुले आम भ्रष्ट कह रहे हैं और इनका इरादा इन स्थापित पार्टियों का पूरा सफाया करने से है .ये नहीं कहते कि इन पार्टियों के भ्रष्ट नेताओं को निकाल बाहर करो -ये कहते हैं कि इन पार्टियों को भारतीय राजनीति के मानचित्र से मिटा दो .
''आप 'पार्टी का अतिवाद अभी दिल्ली झेल रही है और ये शीघ्र ही पूरे देश को अपने अतिवाद से रुबरु कराने के लिए पूरे भारत में कॉंग्रेस व् बीजेपी को बदनाम करने में लगे है .
अब जनता को स्वयं निर्णय लेना है कि आने वाले लोक सभा चुनावों में उन्हें एक व्यवस्थित सरकार देने वाली पार्टी को वोट देना है या नक्सली कट्टरता की ओर बढ़ते एक अतिवादी समूह को जिसे दिल्ली की जनता ने बहकावे में आकर अपने सिर पर चढ़ा डाला है .
शिखा कौशिक 'नूतन'

सोमवार, 9 दिसंबर 2013

आये हाय तो सरकार क्या हम बना लें -कॉंग्रेस

दिल्ली विधानसभा चुनाव २०१३ परिणाम
सबसे बड़ा दल- बीजेपी ....हम विपक्ष में बैठेंगें !
दूसरा सबसे बड़ा दल -आप .....हम विपक्ष में बैठेंगें !
   आये हाय तो सरकार क्या हम बना लें -कॉंग्रेस
शिखा कौशिक 'नूतन'

शुक्रवार, 6 दिसंबर 2013

फारूख साहब शुक्रिया !!

scared now of appointing women secretaries: farooq abdullah
''महिलाओं द्वारा यौन उत्पीड़न के बढ़ते आरोपों के बाद केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि हम लोग अब किसी भी औरत या लड़की को सेक्रेटरी बनाने से डरने लगे हैं।'' आखिर इस बयान पर इतने बवाल की जरूरत क्या है ?पुरुषों को भी अपनी बात रखने का महिलाओं जितना अधिकार है .महिलाओं को तो खुद कहना चाहिए कि ''आप क्या हमें सेक्रेटरी रखेंगें हम खुद नहीं बनना चाहते .जब पिता समान उम्र के पुरुषों का कोई यकीन नहीं तब हम क्यूँ पुरुष की सेक्रेटरी बनकर अपनी अस्मिता को खतरे में डालें !फारूख साहब शुक्रिया महिलाओं के बारे में पुरुषों के डर को सामने लाने हेतु !
शिखा कौशिक 'नूतन '

सोमवार, 2 दिसंबर 2013

अब वोट अपनी देकर इन्साफ कीजिये !

narendra modi jammu rally
[Modi rally: BJP felicitates Muzaffarnagar riots accused MLAs in Agra]
पिछले दिनों बीजेपी के पी.एम्.पद के उम्मीदवार साहेब ने मुजफ्फरनगर दंगों में जनता को भड़काने के दोषी दो विधायकों को सम्मानित किया .वे दोषी थे अथवा नहीं -ये मुद्दा इस वक्त सुलझाने का नहीं है पर एक बात जो बार बार दिमाग को झनझना देने वाली है वो ये है कि -क्या ऐसे समय में जबकि मज़हबी दंगों के बाद भी जनपद में साइलेंट वार का खतरा बना हुआ है -ये सम्मान समारोह पीड़ितों के ज़ख्मों पर नमक छिड़कने जैसा नहीं है ?सम्मानित होते समय उन विधायकों को एक पल के लिए भी उन आंसुओं का ख्याल नहीं आया जो दंगों में मारे गए [हिन्दू या मुस्लिम ] मासूमों के परिजनों की आँखों से अब भी बह रहे हैं .विवेकहीनता की पराकाष्ठा है ये ! भावनाओं के साथ किया गया वीभत्स खिलवाड़ और मानवता के साथ छल .हमारा नेतृत्व करने वाले ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करेंगें तो हमें भी ये कहना ही होगा -
''अब वोट अपनी देकर इन्साफ कीजिये !''
आपसे है प्रार्थना दिल साफ़ कीजिये ,
क्या कर रहे हैं आप दिल साफ़ कीजिये !
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परदे में न रखें अपने इरादों को ,
रख नेक नीयत खुद ही पर्दाफाश कीजिये !
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हम हिन्दू हैं न मुस्लिम हमको न लड़ायें ,
अब और कोई मुद्दा तलाश कीजिये !
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सत्ता मिलेगी किसको ये तिकड़में तुम्हारी ,
बस बख्श देना हमको गुनाह माफ़ कीजिये !
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'नूतन' हमारे लीडर मिसलीड कर रहे ,
अब वोट अपनी देकर इन्साफ कीजिये !
शिखा कौशिक 'नूतन'