चेले और शागिर्द

सोमवार, 28 फ़रवरी 2011

सी.एम् . का दौरा !

सी.एम्.जब प्रदेश की करने निकली सैर ;
अधिकारी थे खौफ में ,मांगे रब से खैर ;
पर जनता को मिल गयी मुंह मांगी सौगात ;
बिजली दर्शन दे रही ,सारे दिन और रात .
                                                     शिखा कौशिक
http://netajikyakahtehain.blogspot.com/

रविवार, 27 फ़रवरी 2011

नेता जी की व्यथा

ससुरा सारा मीडिया हमसे पूछे जाये ;
घोटाला कैसे हुआ ?कुछ तो आप बताये ;
मैं कितना मजबूर हूँ ;किससे छिपी है बात !
फिर 'राजा' के सामने क्या मेरी औकात ?
                                  शिखा कौशिक 
                             http://netajikyakahtehain.blogspot.com/ 

शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

नेता जी को अफ़सोस

महंगाई  डायन करे हम पर अत्याचार ;
जनता देती गालियाँ , घटता जन आधार ;
ब्लोगर खोलें ब्लॉग पर हमरी सारी पोल ;
घोटाले जो थे किये पिट गया उनका ढोल .
          शिखा कौशिक http://netajikyakahtehain.blogspot.com/

शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2011

नेता जी का फलसफा

मेरी इस सरकार में सबको है यह छूट ;
जनता है भोली बड़ी ,लूट सके तो लूट ,
सच्चाई को छोड़कर बोलो मिलकर झूठ;
गठबंधन पक्का रहे ,देखो जाये न टूट .
                     शिखा कौशिक http://netajikyakahtehain.blogspot.com/

गुरुवार, 24 फ़रवरी 2011

महिला नेत्री का चुनाव प्रचार

बिटिया हूँ मैं आपकी लेने आई वोट,
मेरी नीयत साफ है उसमे नहीं है खोट.
सेवा सबकी करूंगी रखूंगी मैं ख्याल,
जनता मेरा मायका और संसद ससुराल.

बुधवार, 23 फ़रवरी 2011

राजनीति की प्यास


पी.एम्. बनने की मुझे रहती थी बड़ी आस ,
पर जनता ने कर दिया सारा सत्यानाश ,
साथी सब ये कह रहे 'ले लो अब सन्यास '
पर मेरी बुझती   नहीं राजनीति की प्यास .
                    शिखा कौशिक http://netajikyakahtehain.blogspot.com/
                            

मंगलवार, 22 फ़रवरी 2011

नेता जी का अंदाज !

नेता जी का अंदाज !

जनता ने बहुमत दिया  ,इसमें है एक राज ,
सुन लेना तुम गौर से ;बतलाता हूँ आज ,
नोट के बदले वोट का ;नहीं मेरा अंदाज ,
मैंने तो बटवाये   थे ; घर-घर  बस कुछ
                   ''प्याज''
                                                   शिखा कौशिक
http://netajikyakahtehain.blogspot.com/ 

सोमवार, 21 फ़रवरी 2011

साहित्यकार नेता

संसद में काव्य मंच सजा देंगे ;
हर नेता में काव्य भाव जगा देंगे ;
पक्ष के नेता लिखेंगे काव्य ग्रन्थ   ;
विपक्ष वालों को आलोचक बना देंगे . 

रविवार, 20 फ़रवरी 2011

नेता जी का दुःख

अब मेरी मजबूरी पर आंसू तो बहाओ ,
बड़ा मासूम हूँ इतना तो मान जाओ,
घोटाला क्यूँ हुआ? कैसे हुआ ?
पता नहीं चलता ;
मैं ऐसा बादशाह हूँ !
जिसका कहीं सिक्का नहीं चलता .
                   शिखा कौशिक
                  http://netajikyakahtehain.blogspot.com/

         

शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2011

नेता-जूता-मैच




उतरा मेरा प्लेन तो
जनता उछल रही ,
भाषण मेरा सुनने को
वो थी मचल रही ,
मोबाईल केमरा से     
फोटो रहे थे खीच ,
प्यासी जनता बहा पसीना 
धरती रही थी सीच,
मैं ज्यों ही स्टेज पर 
देने लगा भाषण,
तब     घटी  घटना  ;
पर मैं हूँ विलक्षण ,
तेजी से  एक जूता 
मेरी तरफ आया ,
मैंने भी अपनी फुर्ती का 
कमाल दिखाया ,
कर लिया जूते को
जल्दी से   मैंने कैच ,
तालियाँ बजी ,मैं 
जीत गया मैच .