१९ जून - राहुल जी के जन्म दिवस पर उन्हें हार्दिक शुभकामनायें
महात्मा गाँधी जी के पदचिन्हों का अनुसरण कर देश के हर कोने तक की यात्रा , जनता से सीधा संवाद ,उनकी समस्याओं को जानने का सच्चा प्रयास और मस्तिष्क में निरंतर वर्तमान राजनैतिक ढांचे को बदलने के विचारों का आवागमन -सन २००४ से श्री राहुल गाँधी जी का जीवन इन सब कार्यों को ही समर्पित रहा है .
कम बोलते हैं पर सच बोलते हैं .मीडिया में छा जाने का कोई आकर्षण नहीं .मीडिया से दूर भारतीय जन -जीवन की समस्याओं को समझकर उन्हें अंतिम रूप से समाप्त करने के लिए सतत प्रयासरत युवा नेता राहुल जी भले ही विपक्षियों की कटु आलोचना का शिकार बनते रहते हो पर अपनी कार्य शैली में बदलाव उन्हें मंज़ूर नहीं .पद प्राप्ति की कोई कामना नहीं .
लक्ष्य-देश सेवा माध्यम-राजनीति
युवराज ,राहुल बाबा ,अमूल बेबी ,बुद्धू और भी न जाने कितने व्यंग्यात्मक व् अपमानजनक उद्बोधनों से राहुल जी को नीचा दिखाने का प्रयास विपक्षियों द्वारा किया गया ..यहाँ तक कि उन पर दुष्कर्म करने का झूठा आरोप तक लगाया गया जो अंतिम रूप से कोर्ट द्वारा झूठा करार दिया गया .विपक्षियों ने राहुल जी के इरादों में फौलाद की ताकत भर दी ...जितनी चोट मारी गयी राहुल जी उतने ही मजबूत हुए .चौदह वर्ष की किशोर वय में दादी की नृशंस हत्या व् इक्कीस वर्ष की युवा वय में प्रिय पिता की दर्दनाक हत्या झेल चुके राहुल जी के दिल व् दिमाग ने जब देश -सेवा के लिए स्वयं को समर्पित किया तब राहुल जी ने साफ़ तौर पर माना कि उन्हें राजनीति में यह स्थान विरासत में मिला है पर राहुल जी ने अपनी कर्मठता से इस विरासत में मिली प्रतिष्ठा को और भी ऊँचा उठाया .
आज वे विचार रखते हैं कि सिस्टम को बदले बिना भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को सुलझाया नहीं जा सकता .उनका मानना है कि सत्ता एक हाथ में न रहकर उसका विकेंद्रीकरण होना चाहिए .वे ईमानदार युवाओं से आह्वान करते हैं देश सेवा हेतु राजनीति में आने का .उनका नजरिया साफ है -वे विपक्ष की भांति देशवासियों से किसी प्रतिमा के लिए लोहा नहीं मांगते ...वे विचारों में फौलाद की ताकत चाहते हैं .यदि प्रधान मंत्री पद के प्रति उनकी कोई लालसा नहीं है और वे संगठन को मजबूत करने में ज्यादा रुचि लेते हैं तो इसे उनकी अयोग्यता के रूप में प्रचारित करने वाले विपक्षियों को खुली छूट है वर्तमान में केवल राहुल जी ही ऐसे भारतीय नेता हैं जो देश को सही दिशा में आगे ले जा सकते हैं क्योंकि वे हिन्दू वोट के लालच में दंगों की याद दिलाकर उन्हें उकसाते नहीं हैं और न ही मुस्लिम समुदाय को धमकाने का प्रयास करते हैं
'श्रीमद्भगवत गीता'' को अपना प्रेरक ग्रन्थ बताने वाले राहुल जी के प्रति कोई पूर्वाग्रह न रखकर उनके साथ आयें व् कॉग्रेस पार्टी के हाथ मजबूत करें .१९ जून को राहुल जी के जन्म दिवस पर उन्हें हार्दिक शुभकामनायें प्रेषित करती हूँ इन शब्दों में
''कंटक पथ पर नंगें पैर कठिन चुनौती हाथ
मगर अकेले नहीं हो राहुल हिंदुस्तान तुम्हारे साथ ''
शिखा कौशिक 'नूतन '