चेले और शागिर्द

मंगलवार, 24 जून 2014

जनता सच कहती है

गद्दी  दी  है गद्दारी  की  छूट  नहीं 

जनता  सच  कहती  है इसमें  झूठ  नहीं है ;
गद्दी  दी  है गद्दारी  की  छूट  नहीं .
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ठीक  है तुम  संसद  में  बैठो  हम  सड़कों  पर ;
हरा  भरा  जनतंत्र  है सूखा  ठूठ  नहीं है .
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हिन्दू - मुस्लिम - सिख- इसाई  में मत  बांटो  ;
हिन्दुस्तानी  हैं  हममे  कोई  फूट  नहीं है .
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भ्रष्टाचारी  जो है उसको फांसी दे  दो  ;
जनता का  है पैसा  कोई लूट  नहीं है .
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लगा  लाल  बत्ती  न  हम पर  रौब  जमाओं  ;
नेता  जनता का सेवक  देवदूत  नहीं है .
                          शिखा  कौशिक  'नूतन' 

शुक्रवार, 20 जून 2014

राष्ट्रभाषा पर विवाद क्यों ?

[ NEW DELHI: Two Home Ministry circulars seeking to promote official language Hindi in the social media has raked up a controversy with DMK accusing the Centre of imposing the language on non-Hindi speaking sections.]
हिंदी भाषा के सम्मान में प्रस्तुत है ये रचना -क्योंकि हिंदी किसी की दया से राष्ट्र भाषा के पद पर आसीन नहीं है .ये हिंदुस्तान का दिल है ...धड़कन है .स्वाधीनता संग्राम में पूरे देश को एक सूत्र में बांध देने की कोशिश गाँधी जी ने हिंदी में ही की थी और बंगाली बाबू नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जी ने भी बंगाली भाषा प्रेमियों की आलोचना को सहकर हिंदी को ही राष्ट्रभाषा माना था क्योकि केवल हिंदी में ही वो दम है जो पूरे भारत को जोड़ सकती है .जो इसका अपमान करे उसे कठोर दंड मिलना चाहिए ....

हिंदी तो दिल है हिंदुस्तान का
सित -तारा भाषा आसमान का
ये है प्रतीक स्वाभिमान का
क्या कहना हिंदी जबान का !
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हिंदी में ही दस कबीर ने गाकर साखी जन को जगाया
तुलसी सूर ने पद रच रच कर अपने प्रभु का यश है गाया
हिंदी में ही सुमिरण करती मीरा अपने श्याम का
क्या कहना हिंदी जबान का .......
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हिंदी सूत्र में बांध दिया था गाँधी जी ने भारत सारा
अंग्रेजों भारत को छोडो गूँज उठा था बस ये नारा
इसको तो हक़ है सम्मान का
क्या कहना हिंदी जबान का ......
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इसकी लिपि है देवनागरी ;इसमें ओज है इसमें माधुरी
आठ हैं इसकी उपबोली ;ऊख की ज्यों मीठी पोरी
हिंदी तो अर्णव है ज्ञान का
क्या कहना हिंदी जबान का .......

''जयहिंद '

शिखा कौशिक 'नूतन'

बुधवार, 18 जून 2014

१९ जून - राहुल जी के जन्म दिवस पर उन्हें हार्दिक शुभकामनायें

१९ जून - राहुल जी के जन्म दिवस पर उन्हें हार्दिक  शुभकामनायें

Photo: HAPPY BIRTHDAY RAHUL JI. 43 ON 19TH JUNE; https://www.facebook.com/events/164634627041214/
[with thanks -RAHUL GANDHI WITH A VISION FOR COMMON PEOPLE's photo.]  

महात्मा गाँधी जी के पदचिन्हों   का अनुसरण कर देश के हर कोने तक की यात्रा , जनता से सीधा संवाद ,उनकी समस्याओं को जानने का सच्चा प्रयास और मस्तिष्क में निरंतर वर्तमान राजनैतिक ढांचे को बदलने के विचारों का आवागमन -सन २००४ से श्री राहुल गाँधी जी का जीवन इन सब कार्यों को ही समर्पित रहा है .


[with thanks -RAHUL GANDHI WITH A VISION FOR COMMON PEOPLE's photo.]  
  कम बोलते हैं पर सच बोलते हैं .मीडिया में छा जाने का कोई आकर्षण नहीं .मीडिया से  दूर  भारतीय  जन -जीवन  की समस्याओं  को  समझकर  उन्हें  अंतिम  रूप से समाप्त करने के लिए सतत प्रयासरत युवा  नेता राहुल  जी  भले  ही  विपक्षियों  की कटु  आलोचना  का शिकार बनते रहते हो पर अपनी कार्य शैली में बदलाव उन्हें  मंज़ूर   नहीं .पद प्राप्ति की कोई कामना नहीं .
                                           लक्ष्य-देश सेवा माध्यम-राजनीति
युवराज ,राहुल बाबा ,अमूल बेबी ,बुद्धू और भी न जाने कितने व्यंग्यात्मक  व् अपमानजनक उद्बोधनों से राहुल जी को नीचा दिखाने का प्रयास विपक्षियों द्वारा किया गया ..यहाँ तक कि उन पर दुष्कर्म करने का झूठा आरोप तक लगाया गया जो अंतिम रूप से कोर्ट द्वारा झूठा करार दिया गया .विपक्षियों ने राहुल जी के इरादों में फौलाद की ताकत भर दी ...जितनी चोट मारी गयी राहुल जी उतने ही मजबूत हुए .चौदह वर्ष की किशोर वय में दादी की नृशंस हत्या व् इक्कीस वर्ष की युवा वय में प्रिय पिता की दर्दनाक हत्या झेल चुके राहुल जी के दिल व् दिमाग ने जब देश -सेवा के लिए स्वयं को समर्पित किया तब राहुल जी ने साफ़ तौर पर माना कि उन्हें राजनीति में यह स्थान विरासत में मिला है पर राहुल जी ने अपनी कर्मठता से इस विरासत में मिली प्रतिष्ठा को और भी ऊँचा उठाया .
               आज वे विचार  रखते हैं कि सिस्टम को बदले बिना भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को सुलझाया नहीं जा सकता .उनका मानना है कि सत्ता एक हाथ में न रहकर उसका विकेंद्रीकरण होना चाहिए .वे ईमानदार युवाओं से आह्वान करते हैं देश सेवा हेतु राजनीति में आने का .उनका नजरिया साफ है -वे विपक्ष की   भांति देशवासियों से किसी प्रतिमा के लिए लोहा नहीं मांगते ...वे विचारों में फौलाद की ताकत चाहते हैं .यदि प्रधान मंत्री पद के प्रति उनकी कोई लालसा नहीं है और वे संगठन को मजबूत करने में ज्यादा रुचि लेते हैं तो इसे उनकी अयोग्यता के रूप में प्रचारित करने वाले विपक्षियों को खुली छूट है  वर्तमान में केवल राहुल जी ही ऐसे भारतीय नेता हैं जो देश को सही दिशा में आगे ले जा सकते हैं क्योंकि वे हिन्दू वोट के लालच में दंगों की याद दिलाकर उन्हें उकसाते नहीं हैं और न ही मुस्लिम समुदाय को धमकाने का प्रयास करते हैं
                               'श्रीमद्भगवत गीता''  को अपना प्रेरक ग्रन्थ बताने वाले राहुल जी के प्रति कोई पूर्वाग्रह न रखकर उनके साथ आयें व् कॉग्रेस पार्टी के हाथ मजबूत करें .१९ जून को राहुल जी के जन्म दिवस पर उन्हें हार्दिक  शुभकामनायें  प्रेषित  करती हूँ इन शब्दों में

     ''कंटक पथ पर नंगें पैर कठिन चुनौती हाथ
    मगर अकेले नहीं हो राहुल हिंदुस्तान तुम्हारे साथ ''

शिखा कौशिक 'नूतन '


गुरुवार, 5 जून 2014

है अगर कुछ आग दिल में


 है अगर कुछ आग दिल में ;
तो चलो ए साथियों !
हम मिटा दे जुल्म को
जड़ से मेरे ए साथियों .
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रौंद कर हमको चला
जाता है जिनका कारवां  ;
ऐसी सरकारों का सिर
मिलकर झुका दे साथियों .
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रौशनी लेकर हमारी;
जगमगाती कोठियां ,
आओ मिलकर नीव हम
इनकी हिला दे साथियों .
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घर हमारे फूंककर
हमदर्द बनकर आ गए ;
ऐसे मक्कारों को अब
ठेंगा दिखा दे   साथियों .
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जो किताबे हम सभी को
बाँट देती जात में;
फाड़कर ,नाले में उनको
अब बहा दे   साथियों .
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हम नहीं हिन्दू-मुसलमां    
हम सभी इंसान हैं ;
एक यही नारा फिजाओं  में
गुंजा दे साथियों .
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है अगर कुछ आग दिल में
तो चलो ए साथियों
हम मिटा दे जुल्म को
जड़ से मेरे ए साथियों .

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शिखा कौशिक 'नूतन'

मंगलवार, 3 जून 2014

केंद्रीय ग्रामीण विकास-मंत्री श्री गोपीनाथ मुंडे जी को हार्दिक श्रद्धांजलि

केंद्रीय ग्रामीण विकास -मंत्री श्री गोपीनाथ मुंडे जी का   सड़क-हादसे में 

असामयिक निधन पर हार्दिक श्रद्धांजलि .ईश्वर उनके परिवार को यह 

सदमा सहन करने की शक्ति प्रदान करे !
lsat words of cabinet ninister and bjp leader gopinath munde
जो  बिछड़  जाते  हैं  ..



जो बिछड़ जाते हैं हमेशा के लिए
छोड़ जाते हैं बस यादों के दिए
जिनकी रौशनी में उनका साथ पाते हैं
वो नहीं आयेंगे ये भूल जाते हैं .
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जिन्दगी कितने काँटों से है भरी
हर दिन कर रही हम सब से मसखरी
जो चला था घर से मुस्कुराकर  के अभी
एक हादसा हुआ और आया न कभी
साथी राहों में ऐसे ही छूट जाते हैं
वो नहीं आयेंगे ये भूल जाते हैं .
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रोज सुबह होती और शाम ढलती है
जिन्दगी की यू ही रफ़्तार चलती है
वो सुबह और शाम कितनी जालिम है
जब किसी अपने की साँस थमती है
हम ग़मों की आग में जिन्दा जल जाते हैं .
वो नहीं आयेंगे ये भूल जाते हैं .
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शिखा कौशिक