प्रतिदिन श्री मोदी कहीं न कहीं अपना करिश्मा दिखाने के लिए अपना प्रचार कर रहे हैं . अफ़सोस की बात है कि पार्टी [बीजेपी] का प्रचार वे नहीं कर रहे हैं . अब धीरे धीरे उनकी कमजोरियां झलकने लगी हैं . गुजरात का ये कथित शेर जब भी दहाड़ता है तब उसके निशाने पर केवल और केवल हमारे राहुल गांधी जी ही होते हैं .हां आजकल अपने से ज्यादा लहरीले केजरीवाल के प्रति भी वे सख्त लहजे में बयान देने लगें हैं .राहुल जी के सद्प्रयास '' प्राइमरी द्वारा प्रत्याशी का चुनाव ' पर वे चुटकी लेते हैं . मोदी जी थोडा भी अगर आप देश की राजनीति का भला चाहने वाले होते तो कम से कम इस सद्प्रयास पर तो राहुल जी की तारीफ जरूर करते पर ...पर आपमें ये सद्भावना कहाँ ! आप तो गुजरात में हुए मासूमों के क़त्ल तक के लिए माफ़ी मांगने में अपना अपमान समझते हैं .आप कितने कमजोर हैं श्री मोदी कि आप आज तक गुजरात की जनता को ये यकीन तक नहीं दिला पाये कि उनका मुख्यमंत्री केवल एक इंसान है -हिन्दू या मुसलमान नहीं .सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किसी महिला के निजी जीवन को उघाड़ने के लिए करते हैं . देश के लिए प्राणोत्सर्ग करने वाले गांधी परिवार के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं .अपनी ही पार्टी की योग्य महिला उम्मीदवार श्रीमती सुषमा स्वराज को एक ओर कर अपने लिए प्रधानमंत्री की कुर्सी रिजर्व करते हैं .श्री मोदी की सबसे बड़ी कमजोरी ही यही है वे जो कुछ भी करते हैं अपनी महत्वाकांक्षा को पूरी करने के लिए करते हैं . वे इतना भी धीरज नहीं रख पाते कि चुनाव में जनता के निर्णय के बाद ही प्रधानमंत्री बनने का सपने देखें . वे करोड़ों का नकली लाल-किला बनवाकर समय-पूर्व ही अपनी लालसा को प्रकट कर देते हैं .क्या प्रधानमंत्री बनकर ही जनता का प्रतिनिधित्व किया जा सकता है श्री मोदी ? राहुल जी [ जिन्हें आप ''शहजादा '' कहकर अपमानित करने का प्रयास करते हैं ] उनकी कार्य-शैली देखिये .दस साल तक उनकी पार्टी ने केंद्र में बनी सरकार का नेतृत्व किया और राहुल जी ने कोई पद नहीं लिया .केवल जनता की आवाज बनने का ,उसके सपने पूरे करने का भरकस प्रयास किया .भट्टा-पारसोल में किसानों की जमीनों के लिए प्रदेश-सरकार के सामने सीना तान कर खड़े हो गए और भूमि-अधिग्रहण कानून में परिवर्तन करा के ही माने . देश की युवा-शक्ति को राजनीति में आने के लिए न केवल प्रेरित किया बल्कि अपनी पार्टी में उनके लिए रास्ता भी बनाया . भ्रष्टाचार के खिलाफ जो सबसे प्रमुख हथियार है ''लोकपाल बिल '' उसे संसद में पास करने के लिए राहुल जी ने अपना सौ प्रतिशत योगदान किया और श्री मोदी सिल्क का कुरता पहने अपनी सभाओं में बस ''शहज़ादा ..शहजादा ...शहज़ादा ...'' करते घूमते रहे . श्री मोदी आप की कमजोरी यही है कि आप अपने द्वारा किये जाने वाले कामों को नहीं गिनाते आप केवल उन कामों को गिनाने का प्रयास करते हैं जो गठबंधन की सरकार बनाये रखने के कारण कॉंग्रेस नहीं कर पाई श्री मोदी आप भूल गए कि मंज़िल अपने पैरों पर चलकर मिलती है ..दूसरे के पैर काट देने से नहीं .निश्चित रूप से श्री मोदी जैसा कमजोर व्यक्ति प्रधानमंत्री बनने का सपना तो जरूर देख सकता है पर कभी भारत जैसे सशक्त देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता .
शिखा कौशिक 'नूतन'
1 टिप्पणी:
बहुत बेवाकी से सत्य से परिपूर्ण आर्टिकल लिखा आपने
एक नज़र :- हालात-ए-बयाँ: ''कोई न सुनता उनको है, 'अभी' जो बे-सहारे हैं''
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