देसी अंग्रेजों छक मरो पी अंग्रेजी चरणामृत !! |
राष्ट्रभाषा हिंदी को राष्ट्रपिता ने माना ,
उनके पदचिन्ह्नों पर चलकर हमने भी ये ठाना ,
भाषा रूप में अंग्रेजी को देते हैं सम्मान ,
पर नहीं ये हो सकती माँ हिंदी के समान ,
हिंदी धड़कन भारत की व् गरिमा है संस्कृत ,
देसी अंग्रेजों छक मरो पी अंग्रेजी चरणामृत !!
1 टिप्पणी:
dho dala shikha ji .bahut khoob .
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