हमारी बहू मोदी -लघु कथा |
बहू के विदा होकर ससुराल में पैर रखते ही ससुर जी बोले -यदि ये बहू यहाँ रहेगी तो मेरा रुतबा घट जायेगा क्योंकि मैंने इस विवाह का विरोध किया था .ससुर जी के छोटे भाई समझाते हुए बोले -आप वयोवृद्ध हैं ...आपका योगदान घर -परिवार में बहुत ज्यादा है ...आपका सम्मान बना रहेगा .'' ससुर जी की बहन बोली -'' मैं आश्वासन देती हूँ ..आपका सम्मान वैसा ही बना रहेगा जैसा इस दुल्हन के आने से पहले इस परिवार में था '' ससुर जी नहीं माने .ससुर जी के बड़े भैय्या का फोन आया -'' क्या नाटक कर रहा है ? नयी बहू आई है सुख समृद्धि लाएगी .मान जा !'' ससुर जी मान गए ....पर दो दिन बाद ही पता चला -नयी बहू के चाल-चलन से खफा ससुर जी के कुनबे ने उनके परिवार से सत्रह पीढ़ियों से चला आ रहा रिश्ता तोड़ लिया .ससुर जी बोले -ये तो वैसा ही हुआ जैसे मोदी के आते ही एन.डी.ए ने भाजपा से रिश्ता तोड़ लिया और ये गठबंधन बिखर गया ....कुछ भी कहो बहू के पैर शुभ नहीं पड़े !!
शिखा कौशिक 'नूतन'
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