'''हिंदू आतंकवाद' बयान पर शिंदे ने जताया खेद''
[ कांग्रेस के जयपुर के चिंतन शिविर में भाजपा व संघ पर आतंकी प्रशिक्षण केंद्र चलाने का आरोप जड़ दिया था।]''
भारत के गृह -मंत्री पद पर आसीन होने का हक़ ऐसे राजनेता को कदापि नहीं है जो जनता को दिग्भ्रमित करें .श्री सुशील कुमार शिंदे अपनी वाणी की विश्वसनीयता खो चुके हैं .जयपुर चिंतन शिविर में उन्होंने साफ तौर पर शिंदे ने आरएसएस व् बीजेपी पर भगवा आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था और अब वे इससे इंकार कर रहे हैं .क्या संसद चलाने के नाम पर वे अपने बयान से पीछे हट गए या वे पहले झूठ बोलकर जनता को बरगला रहे थे .जो भी है जिस नेता की जुबान पर यकीन ही न हो उसे कैसे हम अपनी रक्षा हेतु तैनात करे ?यदि शिंदे अपने बयान पर अडिग रहते हुए इस्तीफ़ा दे देते तो शायद वे देश की रक्षा प्रति अपनी सच्ची भावना को प्रकट करते भले ही उस पर सारी जनता एकमत न हो-
शिंदे तेरे खेद से खिला कमल का फूल ,
असमंजस में भारत- जन कैसे करें क़ुबूल ?
तुम ही अब समझाओ हमें , देते तुमको छूट ,
पहले सच बोला था या अब बोल रहे हो झूठ ?
शिखा कौशिक 'नूतन '
DR.SHIKHA KAUSHIK
MR.SHINDE PLEASE RESIGN .YOU HAVE
NO RIGHT TO WORK AS HOME MINISTER AT ALL .YOUR APOLOGY ON SAFFRON
TERROR SHOWS THAT YOU ARE A LIAR .
2 टिप्पणियां:
जो आदमी खुद असमंजसता की स्थति में है वो देश को असमंजसता से कैसे निजात दिला पायेगा !!
sahi kaha .
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