गद्दी दी है गद्दारी की छूट नहीं
जनता सच कहती है इसमें झूठ नहीं है ;
जनता सच कहती है इसमें झूठ नहीं है ;
गद्दी दी है गद्दारी की छूट नहीं .
ठीक है तुम संसद में बैठो हम सड़कों पर ;
हरा भरा जनतंत्र है सूखा ठूठ नहीं है .
हिन्दू - मुस्लिम - सिख- इसाई में मत बांटो ;
हिन्दुस्तानी हैं हममे कोई फूट नहीं है .
भ्रष्टाचारी जो है उसको फांसी दे दो ;
जनता का है पैसा कोई लूट नहीं है .
लगा लाल बत्ती न हम पर रौब जमाओं ;
नेता जनता का सेवक देवदूत नहीं है .
शिखा कौशिक
2 टिप्पणियां:
ek ek bat satya hai .नारी के तुल्य केवल नारी
Nice.
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