चेले और शागिर्द

मंगलवार, 21 अगस्त 2012

गद्दी दी है गद्दारी की छूट नहीं

गद्दी  दी  है गद्दारी  की  छूट  नहीं 

जनता  सच  कहती  है इसमें  झूठ  नहीं है ;
गद्दी  दी  है गद्दारी  की  छूट  नहीं .

ठीक  है तुम  संसद  में  बैठो  हम  सड़कों  पर ;
हरा  भरा  जनतंत्र  है सूखा  ठूठ  नहीं है .

हिन्दू - मुस्लिम - सिख- इसाई  में मत  बांटो  ;
हिन्दुस्तानी  हैं  हममे  कोई  फूट  नहीं है .

भ्रष्टाचारी  जो है उसको फांसी दे  दो  ;
जनता का  है पैसा  कोई लूट  नहीं है .

लगा  लाल  बत्ती  न  हम पर  रौब  जमाओं  ;
नेता  जनता का सेवक  देवदूत  नहीं है .
 
                          शिखा  कौशिक  

3 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

ek ek bat satya hai .नारी के तुल्य केवल नारी

हमारीवाणी ने कहा…

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DR. ANWER JAMAL ने कहा…

Nice.