नेता जी की प्रेस कॉन्फ्रेंस
दिखते हैं वे थोडा टेंस
चेले हिम्मत बंधवाते
उनको हैं ये समझाते
जिस भी सवाल पे तुम अटको
उसको ये कहकर झटको
होता है इससे हार्ट में पेन
डोंट आस्क मी दिस क्वैश्चन अगेन !
घोटालो पर जब हो सवाल
फैला देना माया-जाल
खुद को बतलाना निर्दोष
औरों पर मढ़ देना दोष
कह देना हमको करो यूं ना ब्लेम
डोंट आस्क मी दिस क्वैश्चन अगेन !
घटती नहीं क्यों महंगाई ?
इस पर जब हो टांग खिचाई
थोड़ी सी तुम बात बनाना
अपने को लाचार दिखाना
कह देना कैसे करू एक्सप्लेन ?
डोंट आस्क मी दिस क्वैश्चन अगेन !
फिर जब उठे क्राइम पर सवाल
चेहरे पर लाकर मुस्कान
सीधा-सादा खुद को दिखाना
क्राइम से अंजान दिखाना
कह देना बनकर जेंटिलमैन
डोंट आस्क मी दिस क्वैश्चन अगेन !
शिखा कौशिक
[नेता जी क्या कहते हैं ?]
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें