चेले और शागिर्द

रविवार, 1 जनवरी 2012

जय हो भ्रष्टाचार प्रभु की !

जय हो भ्रष्टाचार प्रभु की !
   


अपने भक्तों का तू ही रखवाला है ;
तेरेमंत्रों की जपते माला हैं ;
जिसकी चाबी बनी न ऐसा ताला है;
कभी 2G ...... कभी तू हवाला है .


तेरे भक्तों में ''राजा''हैं ...''जोगी''भी 
तेरी भक्ति में डूबी कनिमोझी भी 
सीधे-साधे नहीं ये खिलाडी हैं ;
तेरे चरणों में कई ''कलमाड़ी ''हैं ;
तूने भूखों से छीना निवाला है .
भ्रष्टाचार तेरा .......


तूने भक्तों का भाग संवारा है ;
तेरी भक्ति में खा गए ये चारा हैं ;
तेरे आगे  खड़े रहते हाथ जोड़कर  ;
जेल जाते हैं महलों के सुख  छोड़कर ;
तू तो कर देता जादू काला है .
भ्रष्टाचार तेरा ........
                            shikha  kaushik
                             



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