चेले और शागिर्द

सोमवार, 24 जून 2013

राजनीति का समीकरण - राज [ नाथ ] _ [नीति (ईश् ) ]=मोदी

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बीजेपी  मजबूर है , दिल्ली बहुत दूर है !
आडवानी स्वीकार नहीं ,मोदी में बहुत ग़ुरूर है !
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कमल बना अब लोहा है ,मर्यादा चकनाचूर है !
सत्ता पाने को तत्पर इनका नहीं कसूर है !
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बांटों भारत की जनता रखना याद जरूर है !
मन्दिर वही बनाने का ,लालच देते भरपूर हैं !
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बतलाती है बीजेपी ,अपना तो ये दस्तूर है !
बिन सत्ता नेता विधवा सत्ता ही सिन्दूर है !
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सिर पर चढ़कर बोलता मोदी का खूब फितूर है !
कुनबा टूट चुका इनका  मोदी नामंज़ूर है !
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बीजेपी की राजनीति अब राज ......और ....राज ही रह गयी है क्योंकि नीतीश कुमार के अलग होते ही राज से  नीति तो स्वयं अलग हो गयी

राजनीति का समीकरण -

राज [ नाथ ] _ [नीति (ईश् ) ]=मोदी

शिखा कौशिक 'नूतन'

रविवार, 23 जून 2013

हर बात को धर्म से क्यों जोड़ देते हैं ZEAL जैसे लोग ?

ZEAL 
ZEAL-Doctor,
Lucknow, Uttar Pradesh,

डॉ .दिव्या श्रीवास्तव जी ''zeal '' उपनाम से ब्लॉग जगत में जानी जाती हैं .इनकी इस पोस्ट को पढ़कर जो विचार मेरे मन में आये उन्हें  आपसे साझा कर रही हूँ   -


''धारी देवी मंदिर

उमाभारती के भारी विरोध के बावजूद उत्तरांचल सरकार ने धारी देवी मंदिर की प्राचीन प्रतिमा को हटा दिया। इस विस्थापन के तत्काल बाद ये प्राकृतिक कहर अब सबके सामने है। चारों धाम की रक्षक धारी देवी की महिमा को ये इसाई सरकार क्या समझेगी। ये तो बस भारत निर्माण के नाम पर भारत वि��...''

                                    मेरे विचार 

''उत्तराखंड में जो सरकार है उसका नेतृत्व एक हिन्दू ही कर रहे हैं .हिन्दू मंत्री हैं .एम्.एल. ए. हिन्दू है केदारनाथ की डी.एम्. हिन्दू हैं ..फिर हर बात को धर्म से क्यों जोड़ देते हैं आप जैसे लोग ? देवी माँ की प्रतिमा को हटाना निंदनीय है उनकी प्रतिमा को पुन: वही स्थापित किया जाना चाहिए .''

क्या ब्लॉग के माध्यम से हमें ये अधिकार मिल गया है की हम अपने देशवासियों को धर्म के नाम पर बाँट दें !धारी देवी की प्रतिमा को उनके मूल स्थान से हटाना निंदनीय है -लेकिन इसके लिए वर्तमान केन्द्रीय सरकार को जिम्मेदार ठहराना कहाँ तक तर्क की कसौटी पर खरा उतरता है ? सोनिया जी को कटघरे में खड़े करने के लिए इस सरकार को ''ईसाई सरकार' कहकर अपमानित करने वाली इन ब्लोगर  महोदया को जान लेना चाहिए कि इस सरकार में हर धर्म के लोग हैं और आप या आपकी पार्टी को हिन्दू धर्म का ठेकेदार बनने की कोई जरूरत नहीं .हमारे जिले का एक परिवार सुरक्षित केदारनाथ से लौटा है और उनका कार चालक एक मुस्लिम है .अन्य तीर्थों पर भी हिन्दू-मुस्लिम भाई मिलकर तीर्थयात्रियों की सेवा करते हैं .ईसाई समाज को भी भारत में समान रूप से सम्मान प्राप्त है क्योंकि वे भी हमारे धर्म को सम्मान देते हैं .आप देश की फिज़ा बिगाड़ने का प्रयास ब्लॉग के माध्यम से न करें और हां सोनिया जी को इस सब में घसीटने से पहले उत्तराखंड की सरकार को घसीटें जो हिन्दुओं की ही है .
   हमारे भारत की एकता व् अखंडता के लिए ये जरूरी है की हम सब किसी भी  समस्या  को मजहबी  रंग  में न रंगें .सारे भारत में सब धर्मों  के लोग केदारनाथ में आई इस प्रलय में जान गँवा देने वाले  भक्तों की आत्मा की शांति हेतु दुआएं मांग रहे हैं व् फंसे हुए नागरिकों को राहत सामग्री भिजवाने हेतु तत्पर हैं .आप जैसे लोगों से भी यही प्रार्थना   है की इन सब पर ध्यान दें न की राजनीति चमकाने  पर और हां  हिन्दू कहकर खुद को हिन्दू धर्म की छवि ख़राब न करें .
           यही नहीं अपनी अगली पोस्ट में तो इन्होने सेना द्वारा किये जा रहे आपदा प्रबंधन को मात्र ''कॉग्रेसी आपदा प्रबंधन '' [कांग्रेसियों का आपदा-प्रबंधन अनोखा है। भावी प्रधानमंत्री राहुल और आपदाग्रस्त राज्य के मुख्यमंत्री विदेशों में सैरसपाटा करते हैं ! सोनिया उत्तराखंड की जगह राजस्थान का दौरा करती हैं और दसियों हेलिकौप्टर अपनी सेवा में लगाती हैं जबकि इन्हें आपदाग्रस्त लोगों को बचा�...]का नाम देकर देश सेवा में लगे हमारे हजारों सैनिकों को भी अपमानित कर डाला .क्या सेना भी सोनिया जी के आदेश पर काम करेगी ?सेना का अपना तरीका है आपदाओं से निपटने  का .उन्हें कितने हैलीकॉप्टर चाहिए ?ये सेना स्वयं तय करेगी या सोनिया जी ? बहुत बचकाने तरीके से भारतीय हिन्दू जनता को कौंग्रेस के खिलाफ भड़काने का प्रयास करने वाले ऐसे ब्लोगर अपनी लेखन क्षमताओं   का दुरुप्रयोग तो कर ही रहे  हैं साथ ही देश की जनता को दिग्भ्रमित करने का काम भी कर रहे हैं .

शिखा कौशिक 'नूतन '

सोमवार, 17 जून 2013

हमारी बहू मोदी -लघु कथा

Indian_bride : Hands of an Indian bride adorned with jewelery, bangles and painted with henna.
हमारी बहू मोदी -लघु कथा

बहू के विदा होकर ससुराल में पैर रखते ही ससुर  जी बोले -यदि ये बहू यहाँ रहेगी तो मेरा रुतबा घट जायेगा क्योंकि मैंने इस विवाह का विरोध किया था .ससुर जी के छोटे भाई समझाते हुए बोले -आप वयोवृद्ध हैं ...आपका योगदान घर -परिवार में बहुत ज्यादा है ...आपका सम्मान बना रहेगा .'' ससुर जी की बहन बोली -'' मैं आश्वासन देती हूँ ..आपका सम्मान वैसा ही बना रहेगा जैसा इस दुल्हन के आने से पहले इस परिवार में था '' ससुर जी नहीं माने .ससुर जी के बड़े भैय्या का फोन आया -'' क्या नाटक कर रहा है ? नयी बहू आई है सुख समृद्धि लाएगी .मान जा !'' ससुर जी मान गए ....पर दो दिन बाद ही पता चला -नयी बहू के चाल-चलन से खफा ससुर जी के कुनबे ने उनके परिवार से सत्रह पीढ़ियों  से चला आ रहा रिश्ता तोड़ लिया .ससुर जी बोले -ये तो वैसा ही हुआ जैसे मोदी के आते ही एन.डी.ए ने भाजपा से रिश्ता तोड़ लिया और ये गठबंधन   बिखर गया ....कुछ भी कहो बहू के पैर शुभ नहीं पड़े !!

शिखा कौशिक 'नूतन'

रविवार, 16 जून 2013

शनिवार, 15 जून 2013

कौन ले इस फौलादी औरत से लोहा ?'-लघु कथा

 

चौदह वर्षीय  राजू दौड़ता हुआ अन्दर घर में गया .उसकी अम्मा चूल्हे  पर तवा रखकर रोटी सेंक रही थी .राजू हाँफते   हुए बोला -''अम्मा बाहर नेता जी आये हैं .कहते हैं लोहा दे दो ....कहाँ से दूँ लोहा ?''  राजू की बात सुनते ही उसकी अम्मा के तन-बदन में आग लग गयी .भड़कते  हुए बोली -''आ दूँ उसे लोहा !'' ये कहकर सिकती रोटी तवे से अधपकी ही उतार दी और तवा हाथ में लेकर घर के बाहर खड़े नेता जी के पास पहुंचकर बोली -इब किस -किसका सत्यानाश करवाओगे लल्ला .बरसों पहले तुम्हारे कहे पर ईट लेकर गया था राजू का ताऊ . बेचारा बेमौत  मारा गया ...इब तक तो राम जी का मंदिर बना न तुम पे लल्ला और मेरी बेवा जेठानी घरो - घरो फिरे है बर्तन मांजती ,,,पहले लिख के दे दो मूरत बनाके दिखाओगें  .. तब दूँगी लोहा.'' राजू की अम्मा की बात सुनकर नेता जी का दिल धक् सा रह गया .मन में सोचा -कौन ले इस फौलादी औरत से लोहा ?'' उदास स्वर में बोले -''लिखकर  तो न देवेंगें .अच्छा राम राम !'' ये कहकर नेता जी वहां से निकल लिए !

शिखा कौशिक 'नूतन'

शुक्रवार, 14 जून 2013

नेता ? का आईना है !

Italian Antique #mirror
नेता ? का आईना  है !

                                    आँखें दिल का आईना  हैं !

                             साहित्य समाज का आईना है !

                                    संतान माता -पिता के संस्कारों का आईना है 


                                  तो ...............................................

                                         भाईयों और बहनों 

                                      नेता जनता का आईना  है !

                                       कोई शक !

शिखा कौशिक 'नूतन '




बुधवार, 12 जून 2013

हिन्दू पार्टी का मुसलमान नेता -एक लघु कथा

News Concept Stock Photo
हिन्दू पार्टी का मुसलमान नेता -एक लघु कथा 
 

टी.वी.साक्षात्कार में   जटिल   प्रश्नों  के  उत्तर देने  के  बाद  साक्षात्कारकर्ता के  इस प्रश्न पर  मिर्जा  साहब  थोडा  अटके जब  उनसे पूछा गया -'' मिर्जा  साहब  गुस्ताखी माफ़ हो ...आप एक  मुसलमान होते हुए एक हिन्दू पार्टी से पिछले बीस साल से जुड़े हुए हैं .पार्टी में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहें हैं ...तब क्या महसूस किया है एक मुसलमान होकर एक हिन्दू पार्टी की विचारधारा से तालमेल बैठाने में ?''  मिर्जा साहब का चेहरा  सख्त  हो गया .वे   गंभीरता   के साथ   बोले   -'' आप बस   ये   समझ   लीजिये   जैसे   ब्याह   होते ही   लड़की   को   विदाई   के समय  बता  दिया  जाता  है कि आज  से इस घर  को  अपना  मत  समझ  लेना  और  ससुराल  में हमेशा उसको अपने चरित्र की शुद्धता का प्रमाण देना पड़ता है ...कुछ ऐसी ही स्थिति है मेरी . मुसलमान बिरादरी मुझे हिन्दू पार्टी में मेरे होने के कारण दिल से नहीं अपनाती और पार्टी के हिन्दू कार्यकर्ता मुसलमान होने के कारण मुझ पर शक करते हैं कि मैं हिन्दू पार्टी में क्यों हूँ ?'' ये कहकर वे चुप हो गए और साक्षात्कारकर्ता ''मिलते हैं ब्रेक के बाद ' कहकर खिसक लिया .

शिखा कौशिक 'नूतन'

रविवार, 9 जून 2013

''आप तो मुसलमान हैं ना -लघु कथा ''

''आप तो मुसलमान हैं ना -लघु कथा ''

शबाना भड़कते हुए बोली -''...पर आप तो मुसलमान हैं ना  ..... आपने क्यों नहीं एतराज़ किया ऐसे जल्लाद को पार्टी की चुनावी  कमान सौपे  जाने पर ...अल्लाह की कसम आपकी अक्ल पर परदे पड़ गए थे क्या ?'' हिन्दू  पार्टी के मुस्लिम महासचिव  साहब  अपनी  सफ़ेद दाढ़ी को सहलाते हुए बोले --'' बेगम इतना गुस्सा सेहत के लिए ठीक नहीं है  . ...ये सियासत की बातें हैं और रही बात मुसलमान होने की तो जान लो उस जल्लाद की नाक कटवाने को ही चुनावी कमान सौप दिए जाने दी है हमने .आप क्या समझती है हमें दर्द नहीं अपने लोगों के  कत्लेआम पर !...आप से भी ज्यादा दर्द है .उस जल्लाद को देखते ही तन-बदन में आग लग जाती है ...ख़ुदा खैर करे इस बार भी पार्टी को पूर्ण  बहुमत मिलने की उम्मीद कम ही है ..अगर इस जल्लाद  की करामातों से हिन्दू वोट मिल गयी तो सत्ता में आते ही मेरा मंत्री पद पक्का है और अगर सत्ता नहीं मिली तो इस जल्लाद का ढोल पिट जायेगा ...नेता की बीवी हो दिल  से नहीं दिमाग से काम लिया करो ...वैसे भी नेता कहाँ हिन्दू-मुसलमान होता है !'' ये कहकर मुस्लिम महासचिव साहब ने जोरदार ठहाका  लगाया और अजान की आवाज पर नमाज पढने के लिए मस्जिद की और चल दिए .''

शिखा कौशिक 'नूतन '

बुधवार, 5 जून 2013

राजनाथ व् जेटली के सिर की बन गई खाज !

NDA MPs Meet President Mukherjee To Seek Intervention On Chinese Incursion
राजनाथ व् जेटली के सिर की बन गई  खाज !

इधर सख्त  मोदी अड़े  उधर विनम्र  शिवराज ,
रमन सिंह चुपचाप ही करते अपने काज ,
आडवानी और सुषमा क्यों मोदी से नाराज़ ?
राजनाथ व् जेटली के सिर की बन गई  खाज !

शिखा कौशिक 'नूतन '

रविवार, 2 जून 2013

आडवाणी दिख रहे नरेन्द्र से नाराज

Shivraj Singh Chouhan 'humble' like Vajpayee, says Advani

आडवाणी दिख रहे नरेन्द्र से नाराज ,
कहते हैं नरेन्द्र से बेहतर है शिवराज ,
राजनीति के पैंतरे गहरे इसके राज़ ,
वैसे  आडवाणी हैं इन सबके सरताज़ ! 

शिखा कौशिक 'नूतन' 

शनिवार, 1 जून 2013

ब्रिटेन का मन्त्र है ''हमारा ही हित ''

ब्रिटेन का मन्त्र है ''हमारा ही हित ''

30 MAY 2013 को ब्रिटेन ने ये उद्गार व्यक्त किये कि -मोदी से दोस्ती में हमारा भी हित !


  

''भी'' लगाने की क्या जरूरत थी ब्रिटेन को हर हिंदुस्तानी भली प्रकार जानता है .इसका मन्त्र है ''हमारा ही हित ''
क्या भूल गए -
सन 1 9 4 7 

Partition of India -हिंदुस्तान का बँटवारा 


The partition of India was set forth in the Indian Independence Act 1947 and resulted in the dissolution of the British Indian Empire and the end of the British Raj. It resulted in a struggle between the newly constituted states of India and Pakistan and displaced up to 12.5 million people with estimates of loss of life varying from several hundred thousand to a million (most estimates of the numbers of people who crossed the boundaries between India and Pakistan in 1947 range between 10 and 12 million).[1]The violent nature of the partition created an atmosphere of mutual hostility and suspicion between India and Pakistan that plagues their relationship to this day.
शिखा कौशिक 'नूतन '