चेले और शागिर्द

शुक्रवार, 25 मई 2012

मध्यावधि- चुनाव कौन चाहता है ?


मध्यावधि- चुनाव कौन चाहता है ?

जनता...नहीं केवल अवसरवादी विपक्षी दल .


जिनके लिए है 


राजनीति खिलता हुआ कमल ;


जनता को पता है 


ये है दलदल 


जिसमे कोई भी हो दल 


जनता के साथ करता है छल ;


समस्याओं को सुलझाने में 


रहते हैं विफल ;


हर काम को टाल देते हैं 


आज नहीं कल

 ,
फिर चुनावों के लिए 


क्यों हो रहे विकल ;


शायद लग जाये लॉटरी 


और खटारा गाड़ी भी 


इस बार धक्के देकर 


जाये निकल 

.
shikha kaushik

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