मध्यावधि- चुनाव कौन चाहता है ?
जनता...नहीं केवल अवसरवादी विपक्षी दल .
जिनके लिए है
राजनीति खिलता हुआ कमल ;
जनता को पता है
ये है दलदल
जिसमे कोई भी हो दल
जनता के साथ करता है छल ;
समस्याओं को सुलझाने में
रहते हैं विफल ;
हर काम को टाल देते हैं
आज नहीं कल
,
फिर चुनावों के लिए
क्यों हो रहे विकल ;
शायद लग जाये लॉटरी
और खटारा गाड़ी भी
इस बार धक्के देकर
जाये निकल
.
shikha kaushik