चेले और शागिर्द

रविवार, 18 दिसंबर 2011

आयें पांच साल में अपनी सरकार है !







आया  है आज कौन ? किसकी ये जयकार है ?
बिजली पानी की आई कैसे बहार है ?
नादानों कुछ पहचानों मुश्किल दीदार हैं !
आयें पांच  साल में अपनी  सरकार  है .

सिंथेटिक  दूध लाओ ;लाकर के   इन्हें पिलाओ ;
नकली मावे के पेड़ों  का  इनको  भोग  लगाओ ;
ऐसा न हो जो स्वागत हमको धिक्कार है !
आये हैं पांच साल में ............


फिर चलें सड़क पर जब वे ;उनको ये समझाना ;
गड्ढों में सड़क है कहीं गिर नहीं जाना ;
फिर भी लुढ़क जाएँ ....खुद जिम्मेदार है !
आयें हैं पांच साल .....


जब देने लगें भाषण और करने लगें वादे 
दिखलायें राम खुद को पर रावण से इरादे 
दिखला दो उनको ठेंगा ;असली गद्दार हैं 
आयें हैं पांच साल में ...................

                                                   शिखा कौशिक 
                                 [नेता जी क्या कहते हैं ?]
                                                                

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