आया है आज कौन ? किसकी ये जयकार है ?
बिजली पानी की आई कैसे बहार है ?
नादानों कुछ पहचानों मुश्किल दीदार हैं !
आयें पांच साल में अपनी सरकार है .
सिंथेटिक दूध लाओ ;लाकर के इन्हें पिलाओ ;
नकली मावे के पेड़ों का इनको भोग लगाओ ;
ऐसा न हो जो स्वागत हमको धिक्कार है !
आये हैं पांच साल में ............
फिर चलें सड़क पर जब वे ;उनको ये समझाना ;
गड्ढों में सड़क है कहीं गिर नहीं जाना ;
फिर भी लुढ़क जाएँ ....खुद जिम्मेदार है !
आयें हैं पांच साल .....
जब देने लगें भाषण और करने लगें वादे
दिखलायें राम खुद को पर रावण से इरादे
दिखला दो उनको ठेंगा ;असली गद्दार हैं
आयें हैं पांच साल में ...................
शिखा कौशिक
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