करवाना अब चाह रहे अन्ना तो विद्रोह
लालू लेकर आये हैं उनके मन की टोह
''संसद में गुंडे बैठे ''अन्ना कैसे कहते ?
चुप रहकर सारे नेता ये सब कुछ क्यों सहते ?
संसद में आना नहीं ''अनशन'' जैसा आसान
जागो नेताओं जरा मत होने दो अपमान .
शिखा कौशिक
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें