चेले और शागिर्द

मंगलवार, 27 दिसंबर 2011

भारतीय जनता की नेता जी से अपील !

भारतीय जनता की नेता जी से अपील !




नेताओं जनता से ये वादा निभाना 
नए साल में मत करना अब कोई घोटाला .


जन-हित में खर्च करना अब जनता का पैसा 
दिखलाना जनता को जन -सेवक हो कैसा 
विश्वास जीत लेना जनता का दोबारा 
नये साल में म़त ..........


न मौत हो अब कर्ज से तुम ये कोशिश करना 
शिक्षा व् रोजगार का सपना तुम सच करना 
पैकेज का सारा  रुपया जनता तक पहुचाना  
नए साल में मत ............


ले नाम जाति-धर्म का हमको न बाँटना   
लड़वाकर हमें आपस में चांदी न काटना 
जिस पद पर हो आसीन उसकी गरिमा बढ़ाना 
नये साल में मत ......
                                                 शिखा कौशिक 
                                 [नेता जी क्या कहते हैं ?]



सोमवार, 19 दिसंबर 2011

CONTRADICTION [विरोधाभास ]


CONTRADICTION  [विरोधाभास ]


WE WANT DEMOCRACY [ हम लोकतंत्र चाहते हैं ]
BUT NEVER DENOUNCE [पर कभी निंदा नहीं करते] 
ABSOLUTE RULE ![तानाशाही की ]


WE WANT JUSTICE  [हम न्याय चाहते  हैं ]
BUT NEVER LISTEN [पर कभी नहीं सुनते ]
TO OUR SOUL ![अपनी आत्मा की ]


WE WANT UNITY [हम एकता चाहते  हैं ]
BUT NEVER DIMINISH [पर कभी नहीं कम करते ]
COMMUNAL HOLE ![सांप्रदायिक गड्ढो को ]


WE WANT HEALTHY [हम चाहते हैं स्वस्थ- ]
CRITICISM BUT NEVER [-आलोचना पर कभी नहीं ]
PLAY POSITIVE ROLE ![अदा करते सकारात्मक भूमिका ]


WE WANT HONEST LEADERS [हम ईमानदार नेता चाहते हैं ]
BUT NEVER PREFER [पर कभी नहीं प्राथमिकता देते हैं ]
HONESTY IN POLL ! [चुनाव के समय ईमानदारी को ]


                                              SHIKHA KAUSHIK 

रविवार, 18 दिसंबर 2011

आयें पांच साल में अपनी सरकार है !







आया  है आज कौन ? किसकी ये जयकार है ?
बिजली पानी की आई कैसे बहार है ?
नादानों कुछ पहचानों मुश्किल दीदार हैं !
आयें पांच  साल में अपनी  सरकार  है .

सिंथेटिक  दूध लाओ ;लाकर के   इन्हें पिलाओ ;
नकली मावे के पेड़ों  का  इनको  भोग  लगाओ ;
ऐसा न हो जो स्वागत हमको धिक्कार है !
आये हैं पांच साल में ............


फिर चलें सड़क पर जब वे ;उनको ये समझाना ;
गड्ढों में सड़क है कहीं गिर नहीं जाना ;
फिर भी लुढ़क जाएँ ....खुद जिम्मेदार है !
आयें हैं पांच साल .....


जब देने लगें भाषण और करने लगें वादे 
दिखलायें राम खुद को पर रावण से इरादे 
दिखला दो उनको ठेंगा ;असली गद्दार हैं 
आयें हैं पांच साल में ...................

                                                   शिखा कौशिक 
                                 [नेता जी क्या कहते हैं ?]
                                                                

बुधवार, 14 दिसंबर 2011

जागो नेताओं जरा मत होने दो अपमान

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करवाना अब चाह रहे अन्ना तो  विद्रोह 
लालू लेकर आये हैं उनके मन की टोह
''संसद में गुंडे बैठे ''अन्ना कैसे कहते ?
चुप रहकर सारे नेता ये सब कुछ क्यों सहते ?
संसद में आना नहीं ''अनशन'' जैसा आसान
जागो नेताओं जरा मत होने दो अपमान  .

                                 शिखा कौशिक 
 



रविवार, 11 दिसंबर 2011

नेता जी का हिसाब -किताब लोकपाल पर

नेता जी का हिसाब -किताब लोकपाल पर 



सरकार + लोकपाल बिल = अन्ना टीम खिलाफ 


अन्ना टीम जन लोकपाल बिल =भ्रष्टाचार साफ़ 


अन्ना + उपवास =जनता का विश्वास 


अन्ना टीम + जनता =जन लोकपाल बिल पास


                                                  शिखा कौशिक 
                    [नेता जी क्या कहते हैं ? ]