अन्ना ! सत्ता मद दूर करने के लिए कितने डंडे लगाने चाहियें ?
[गूगल से साभार ] अन्ना सच हैं बोलते पर नेता करें विरोध ; उनके हर एक बयाँ पर नेता करते हैं क्रोध ; बड़ी सही उक्ति कही; छुडवाने को मधुपान ; सत्ता मद में चूर कहें इसे तालिबानी-फरमान .
पहला पी .एम् . बनकर पछता रहा ; दुसरे को पी .एम् . न बनने का गम खा रहा ; दूसरे को पहले पर ''दया '' आ रही और हम को दोनों पर रोना आ रहा . शिखा कौशिक [नेता जी क्या कहते हैं ]
जो काम कहोगे सब कर देंगें बर्तन मान्जेंगें ;कपडे धो देंगें हम एक जात के ये भूल न जाना बस नाम हमारे पर बटन दबाना वोट मांगने का उनका अंदाज निराला है . इलेक्शन आने वाला है !
मैं बोला दूंगा वोट सोच समझ कर जात धर्म से ऊपर उठकर तुम तो करते हो झूठे वादे नहीं रखते हो तुम नेक इरादे जनता जीजा होती है और नेता साला है . इलेक्शन आने वाला है !
वे बोले लगता तुझे समझ न आया तू नहीं जानता नेता की माया तू न सुधरा तो उठवा लेंगें तेरी वोट खुद ही हम डलवा लेंगें हम तन के उजले हैं पर मन तो काला है . इलेक्शन आने वाला है !