[सुलेख .कॉम से साभार ]
'अन्ना के नेतृत्व में हम बढ़ने को तैयार '
नितिन गडकरी ने कहा तो मच गया हाहाकार ;
अरुण जेटली समझाते -समझो मेरे यार ;
इस कथन में छिपा है -''भ्रष्ट -अलंकार''
शिखा कौशिक
[इस पोस्ट पर ''भड़ास '' पर रविकर जी की टिप्पणी आई जो अति सुन्दर है .यहाँ उसे लगा रही हूँ .पढ़िए -
रविकर said...
वाह!
गडकरी नहीं ये ढोल है |
अन्दर पोलमपोल है |
कांग्रेस को अवसर देता --
पोल रहा अब खोल है |
अन्ना के आन्दोलन में भी
आर एस एस का रोल है |
समय-समय पर अध्यक्ष जी की
जाय जुबाँ यूँ डोल है ||