चेले और शागिर्द

मंगलवार, 2 अगस्त 2011

मानसून सत्र !

मानसून  सत्र !
संसद में घिर आयें हैं टकराव के बादल
सुन विपक्ष का गर्जन  ,सत्ता  रही दहल 
बनकर  'सुषमा' दामिनी कड़क -कड़क कर  बोले  
बिना मुंडाएं पड़  गए मनमोहन के सिर ओले .
                         शिखा कौशिक 

1 टिप्पणी:

anshumala ने कहा…

मनमोहनसिंह ने भाजपा के सर पर भी ओले गिरने का इंतजाम कर रख है |