नेता जी क्या कहते हैं ?
चेले और शागिर्द
मंगलवार, 2 अगस्त 2011
मानसून सत्र !
मानसून सत्र !
संसद में घिर आयें हैं टकराव के बादल
सुन विपक्ष का गर्जन ,सत्ता रही दहल
बनकर 'सुषमा' दामिनी कड़क -कड़क कर बोले
बिना मुंडाएं पड़ गए मनमोहन के सिर ओले .
शिखा कौशिक
http://netajikyakahtehain.blogspot.com/
1 टिप्पणी:
anshumala
ने कहा…
मनमोहनसिंह ने भाजपा के सर पर भी ओले गिरने का इंतजाम कर रख है |
2 अगस्त 2011 को 10:37 pm बजे
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1 टिप्पणी:
मनमोहनसिंह ने भाजपा के सर पर भी ओले गिरने का इंतजाम कर रख है |
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