चेले और शागिर्द

शनिवार, 21 मई 2011

फूलों सी बच्ची को जेल

फूलों सी  बच्ची   को  जेल  ! 

आज तो एक निवाला भी निगला न जायेगा ;
हर घडी बस बच्ची का ख्याल आएगा ,
फूलों सी मेरी बच्ची;काँटों से भरी जेल ;
ए. सी.में रहने वाली गर्मी को रही झेल ,
एक छोटा सा घोटाला ;इतनी बड़ी सज़ा !
अब राजनीति मुझको लगती है बेमज़ा .
                                        शिखा कौशिक 

7 टिप्‍पणियां:

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

Fantastic!!!!!:)))))))))

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर...

anshumala ने कहा…

bilkul sahi ab pita ko drd to ho hi raha hoga par jab beti ye sab kar rahi thi tab kyo nahi roka

Shalini kaushik ने कहा…

sateek bhavabhivyakti badhai.

Roshi ने कहा…

boore kaam ka bura natija

राज भाटिय़ा ने कहा…

अरे नेता जी यह तो नर्क का ट्रेलर हे....कर्मो की सजा तो आगे मिलेगी, जिन बच्चो के मुंह से दुध छीना हे उन की आहे भी तो लगेगी...

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति .