कुछ कहें पर बीजेपी में एक से बढ़कर एक तेज दिमाग राजनीतिज्ञ हैं .जिनका सारा ज्ञान एक की तुलना दूसरे से करने में गजब का है .हां इतना गजब का है कि कई बार तो ये तेज दिमाग राजनीतिज्ञ खुद ही हास्य के पात्र बन जाते हैं .मोदी जी से लेकर उमा भारती जी तक एक लम्बी लिस्ट है इन धुरंधरों की .राहुल जी की हंसी उड़ाते हुए मोदी जी कहते हैं ''कॉंग्रेस कैसे कैसे नमूने लाती है .. कपिल शर्मा का हास्य शो बंद होने वाला है फिर राहुल गांधी का शो चलेगा ....'' पर मोदी जी कलाकार तो आप हैं .हास्य की ऐसी बहार आपके भाषणों से जनता में आ रही है कि सब सुनने जाते हैं आज आपने कौन सा चुटकुला ''गांधी-परिवार '' पर बनाया है .जसोदा बेन के जीवन को व्यथा-कथा बनाकर आप संतुष्ट न हुए और इस बार उनका नाम पत्नी के कॉलम में लिखकर एक ठहाका उनके जीवन पर आपने लगाया है .इधर उमा भारती जी प्रियंका गांधी जी की तुलना कभी ''घरेलू औरत '' से करती हैं तो कभी ''राखी सावंत '' से .अब ऐसी तुलना भला राखी सावंत को कैसे सहन होगी -कम से कम उमा भारती जी को ये तो समझना चाहिए था . उमा जी की बुद्धि को न जाने किसकी नज़र लग गयी है। कहते समय कुछ सोच-विचार तो करना चाहिए था .आखिर अटल बिहारी जी के सानिध्य में इतने वर्ष रहकर भी वाक-कला में इतनी कच्ची कैसे रह गयी वे ?वास्तविकता ये है कि सत्ता -प्राप्ति का स्वप्न सजाये इन धुरंधरों को जो भी इस राह में बाधा उत्पन्न करता नज़र आता है उसे ये ऐसे ही उल्टा-पुल्टा कहकर चल देते हैं .
शिखा कौशिक 'नूतन'
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