चेले और शागिर्द

बुधवार, 18 अप्रैल 2012

गंगा माँ पर भी राजनीति-शर्मनाक !

गंगा माँ पर भी राजनीति-शर्मनाक  !

एक  ओर स्वामी '' अभि''  दूसरी ओर  ''बहुगुणा''  ;
चकित  होकर दोनों को सुनती   गंगा माँ ;
एक कह रहा  माता को अब मत करो प्रदूषित   ;
मगर जरूरी दूसरे  को उद्योगपति  का हित .

                                          शिखा कौशिक 

1 टिप्पणी:

dinesh aggarwal ने कहा…

गंगा की पीड़ा की बहुत ही सटीक प्रस्तुति....