गंगा माँ पर भी राजनीति-शर्मनाक !
एक ओर स्वामी '' अभि'' दूसरी ओर ''बहुगुणा'' ;
चकित होकर दोनों को सुनती गंगा माँ ;
एक कह रहा माता को अब मत करो प्रदूषित ;
मगर जरूरी दूसरे को उद्योगपति का हित .
शिखा कौशिक
1 टिप्पणी:
गंगा की पीड़ा की बहुत ही सटीक प्रस्तुति....
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