बेमौसम बारिश से तबाह किसानों की स्थिति पर कृषि मंत्री ओपी धनखड़ के संवदेनहीन बयान का किसानों ने तीखा जवाब दिया है। आत्महत्या करने वाले किसानों को कायर और अपराधी करार दिए जाने के धनखड़ के बयान की प्रदेश भर में निंदा की गई। [from amar ujala ] |
हाँ हम कायर हैं !
हम खुद ही चढ़े हैं फांसी
और खा रहे हैं ज़हर !
जबकि इसके हकदार हैं
सत्ता में बैठे बहादुर !!
जिनको हमने ही चुनकर
पहुँचाया ,
फूलों का हार पहनाया ,
जयकारे लगाये उनके नाम के ,
और उन्होंने हमारे साथ की गद्दारी ,
भगवान के प्रकोप को
हम झेल जाते पर
सत्ता के शैतानों ने
छोड़ दिया हमारा हाथ और छोड़ दिया
हमें हमारी तबाह फसलों के साथ ,
न आंसूं पोछनें कोई आया
और न मुआवज़ा ही मिल पाया ,
हमारी ख़ुदकुशी का माहौल
इन सत्तासीनों ने ही तो बनाया ,
फिर भी करते हैं स्वीकार
हां हम कायर हैं !
वरना ऐसी क्रांति का बिगुल बजाते
कि सत्तासीन गाढ़ी नींद
से जाग जाते ,
हर खेत जिसमे हुई है फसल तबाह
उस तक इन्हें खींच कर ले जाते ,
हक़ से मांगते मुआवज़ा ,
और इन्हें जता देते
कि हम हैं मालिक देश के !
तुम केवल चौकीदार हो ,
पर हम ये नहीं कर पाये
इस लिए तुम ये कहने के हकदार हो
हम किसान ,
अन्न-दाता ,
खून-पसीना बहाकर
फसल उगाने वाले ,
सबका पेट भरने वाले ,
कायर हैं ,
हां हम कायर हैं !
शिखा कौशिक 'नूतन'