शरद यादव के बदसूरत विचार !
शरद यादव सम नहीं नेता कोई उदार ,
अफज़ल पर हैं लुटा रहे अपना नेह अपार ,
याद शहीदों को कर लेते महोदय तुम एक बार ,
संसद की रक्षा हित जिनका उजड़ गया परिवार ,
गद्दारों के लिए मांगते मानव के अधिकार ,
श्रीमान जी जनता को नहीं हरगिज ये स्वीकार !
शिखा कौशिक 'नूतन '
शरद यादव सम नहीं नेता कोई उदार ,
अफज़ल पर हैं लुटा रहे अपना नेह अपार ,
याद शहीदों को कर लेते महोदय तुम एक बार ,
संसद की रक्षा हित जिनका उजड़ गया परिवार ,
गद्दारों के लिए मांगते मानव के अधिकार ,
श्रीमान जी जनता को नहीं हरगिज ये स्वीकार !
शिखा कौशिक 'नूतन '
2 टिप्पणियां:
.एक एक बात सही कही है आपने दामिनी गैंगरेप कांड :एक राजनीतिक साजिश ? आप भी जानें हमारे संविधान के अनुसार कैग [विनोद राय] मुख्य निर्वाचन आयुक्त [टी.एन.शेषन] नहीं हो सकते
निंदनीय ||
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