पक्षपात ये नहीं वजह बढती कट्टरता -JAGRAN JUNCTION FORUM
पक्षपात ये नहीं वजह बढती कट्टरता , नाम धर्म का लेकर ;खेल ये है नफरत का , भोली जनता भ्रमित , हो रहे रोज़ धमाके , मानवता रोती ,दहशत के लगे ठहाके , आपस में सद्भाव लायेगा अमन-सुकून , तभी रुकेगा दहशतगर्दी का जूनून !!
मायावती जी को रेल बजट की निन्दा करते देखा तो ऐसा लगा-
राजनीति की फिल्म में नेता कलाकार , जैसी भी हो भूमिका इनको है स्वीकार , लीड रोल ये करते हैं करें सपोर्टिंग रोल , एक ही लक्ष्य इन सबका खुल न जाये पोल ! शिखा कौशिक 'नूतन '
बजट पर चर्चा के दौरान जब जब अंग्रेजी का कार्य क्रम को प्रस्तुत करने वाला 'कॉमन मैन' ' की जगह ''आम आदमी '' उच्चार रहा था मेरे कानों में अमृत घोल रहा था .ये था तमाचा हिंदी का अंग्रेजी के मुंह पर .उस अंग्रेजी के मुंह पर जो हमारे घर में घुसकर हमारे ही बच्चों से हिंदी को अपमानित कराती रही है .अंग्रेजी मैडम संभल जाओ और संभल जाओ अंग्रेजी के चमचो माँ का अपमान करने वालो हिंदी वालों को बहुत ज़लील कर चुके हो .तुम्हारी भाषा में - DR.SHIKHA KAUSHIK @shikhagulka
''THIS WAS THE SLAP ON THE FACE OF ENGLISH WHEN A DOORDARSHAN ANCHOR SPEAKS COMMON MAN AS 'AAM AADMI' IN PROGRAMME ''
इसके पीछे कही न कही वही आम आदमी है जो अन्ना आन्दोलन के दौरान जागा था .
[ कांग्रेस के जयपुर के चिंतन शिविर में भाजपा व संघ पर आतंकी प्रशिक्षण केंद्र चलाने का आरोप जड़ दिया था।]''
भारत के गृह -मंत्री पद पर आसीन होने का हक़ ऐसे राजनेता को कदापि नहीं है जो जनता को दिग्भ्रमित करें .श्री सुशील कुमार शिंदे अपनी वाणी की विश्वसनीयता खो चुके हैं .जयपुर चिंतन शिविर में उन्होंने साफ तौर पर शिंदे ने आरएसएस व् बीजेपी पर भगवा आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था और अब वे इससे इंकार कर रहे हैं .क्या संसद चलाने के नाम पर वे अपने बयान से पीछे हट गए या वे पहले झूठ बोलकर जनता को बरगला रहे थे .जो भी है जिस नेता की जुबान पर यकीन ही न हो उसे कैसे हम अपनी रक्षा हेतु तैनात करे ?यदि शिंदे अपने बयान पर अडिग रहते हुए इस्तीफ़ा दे देते तो शायद वे देश की रक्षा प्रति अपनी सच्ची भावना को प्रकट करते भले ही उस पर सारी जनता एकमत न हो- शिंदे तेरे खेद से खिला कमल का फूल , असमंजस में भारत- जन कैसे करें क़ुबूल ? तुम ही अब समझाओ हमें , देते तुमको छूट , पहले सच बोला था या अब बोल रहे हो झूठ ? शिखा कौशिक 'नूतन '
शरद यादव के बदसूरत विचार ! शरद यादव सम नहीं नेता कोई उदार , अफज़ल पर हैं लुटा रहे अपना नेह अपार , याद शहीदों को कर लेते महोदय तुम एक बार , संसद की रक्षा हित जिनका उजड़ गया परिवार , गद्दारों के लिए मांगते मानव के अधिकार , श्रीमान जी जनता को नहीं हरगिज ये स्वीकार ! शिखा कौशिक 'नूतन '
रामदेव ने कहा ''राहुल '' को रंडुवा , योग गुरु से बन गये ये तो एक ठलुवा , काबू में न रहत है जिस जन की जिह्वा , खोपड़ी पर पड़त है उसके ही दंड वा !! शिखा कौशिक 'नूतन ''
देर न हो जाये घाटी आज जाग जा , मेरी वफ़ा का दे सिला अलगाव भूल जा ! हिंदुस्तान जैसा आशिक न मिलेगा , गुमराह न हो सैय्याद की चाल जान जा ! जो हाथ थाम मेरा साथ चलेगी , मंजिल तरक्की की तुझे रोज़ मिलेगी , खामोश न रह मेरे संग चीख कर दिखा ! मेरी वफ़ा का दे सिला अलगाव भूल जा !
नोंचने की है पडोसी की तो आदत , अस्मत बचाई तेरी देकर के शहादत , नादान न बन आ मेरी हिफाज़त में तू आ जा ! मेरी वफ़ा का दे सिला अलगाव भूल जा !
करना है फैसला तुझे रख नेक इरादा , मेरी अज़ीज़ तू रही है जान ज्यादा , है इश्क़ दूध मेरा केसर सी तू घुल जा ! मेरी वफ़ा का दे सिला अलगाव भूल जा !
some indians were disagree on my last blog post title and content .they say that kashmir is our integral part of india . '' सन्देश तो अच्छा है लेकिन आपके शीर्षक से ऐसा प्रतीत होता है जैसे आपने
भारतीयों से कश्मीरियों को अलग रखा हो जो की गलत है कश्मीरी भी भारतीय हैं,
दूसरा सन्देश में ये गलत आरोप लगाया है की कश्मीरी दर्द देते हैं बल्कि
दर्द तो आतंकवादी देते हैं कश्मीर की साड़ी आवाम उनके साथ नहीं है बल्कि
कुछ प्रतिशत ही लोग उनके साथ हैं इसलिए मेरी आपसे गुज़ारिश है की इस सन्देश
को फिर से कुछ उचित शब्दों के साथ प्रसारित करें''
RAVIKAR JI HAS CHANGED MY TITLE AND GIVEN NEW TITLE -
this is true but they HAVE never shown that they feel themself as a proud indian
i am agree with you but this time kashmiries have shown that they have
no respect about our parliament .afzal guru was a terrorist and when he
was hanged to death ..no kashmiri has praised this step openly .they
have shown their anger on this issue .what else can a INDIAN write over
this issue .do not take emotionally this issue .this the reality that
kashmiries never think them INDIAN and now they have shown this .
भरी दुपहरी जेठ की या सावन की बौछार , रोज हाथ में 'रोज़' लिए करते इंतजार ! सोते-जागते सुबह-शाम इसकी रहती है खोज , प्रॉमिस करते बड़े बड़े ,करते इसको प्रपोज़ ! गले लगाने को इसे हम सब हैं तैयार , पहने फूलों के हार भी जूतों की खाते मार ! अमर प्रेम इससे हमें करते हैं स्वीकार , चंचल चित्त की प्रेमिका प्रेमी बदले हर बार !
मेहरबान जिस प्रेमी पर उसकी बनती सरकार , नेताओं की प्रेमिका ''सत्ता'' की जय जयकार !!! शिखा कौशिक 'नूतन'
कहते हैं कल्याण समझ से अपनी पक्का -कच्चा , मोदी शेर हैं - राहुल बिल्ली का बच्चा , नेताओं ने स्वयं बता दी योनि ये है अच्छा , चौपायों से बचना जनता तब लोकतंत्र हो सच्चा !! शिखा कौशिक 'नूतन'
अफज़ल को फाँसी लगी, हर्षित जनमानस , और कोई कर पाए ना ऐसा दुस्साहस , पाकिस्तान में घूम रहे हाफिज हो जा चौकस , शीघ्र तेरी भी गर्दन पर भी देंगें फंदा कस !! शिखा कौशिक 'नूतन'