चेले और शागिर्द

रविवार, 23 जून 2013

हर बात को धर्म से क्यों जोड़ देते हैं ZEAL जैसे लोग ?

ZEAL 
ZEAL-Doctor,
Lucknow, Uttar Pradesh,

डॉ .दिव्या श्रीवास्तव जी ''zeal '' उपनाम से ब्लॉग जगत में जानी जाती हैं .इनकी इस पोस्ट को पढ़कर जो विचार मेरे मन में आये उन्हें  आपसे साझा कर रही हूँ   -


''धारी देवी मंदिर

उमाभारती के भारी विरोध के बावजूद उत्तरांचल सरकार ने धारी देवी मंदिर की प्राचीन प्रतिमा को हटा दिया। इस विस्थापन के तत्काल बाद ये प्राकृतिक कहर अब सबके सामने है। चारों धाम की रक्षक धारी देवी की महिमा को ये इसाई सरकार क्या समझेगी। ये तो बस भारत निर्माण के नाम पर भारत वि��...''

                                    मेरे विचार 

''उत्तराखंड में जो सरकार है उसका नेतृत्व एक हिन्दू ही कर रहे हैं .हिन्दू मंत्री हैं .एम्.एल. ए. हिन्दू है केदारनाथ की डी.एम्. हिन्दू हैं ..फिर हर बात को धर्म से क्यों जोड़ देते हैं आप जैसे लोग ? देवी माँ की प्रतिमा को हटाना निंदनीय है उनकी प्रतिमा को पुन: वही स्थापित किया जाना चाहिए .''

क्या ब्लॉग के माध्यम से हमें ये अधिकार मिल गया है की हम अपने देशवासियों को धर्म के नाम पर बाँट दें !धारी देवी की प्रतिमा को उनके मूल स्थान से हटाना निंदनीय है -लेकिन इसके लिए वर्तमान केन्द्रीय सरकार को जिम्मेदार ठहराना कहाँ तक तर्क की कसौटी पर खरा उतरता है ? सोनिया जी को कटघरे में खड़े करने के लिए इस सरकार को ''ईसाई सरकार' कहकर अपमानित करने वाली इन ब्लोगर  महोदया को जान लेना चाहिए कि इस सरकार में हर धर्म के लोग हैं और आप या आपकी पार्टी को हिन्दू धर्म का ठेकेदार बनने की कोई जरूरत नहीं .हमारे जिले का एक परिवार सुरक्षित केदारनाथ से लौटा है और उनका कार चालक एक मुस्लिम है .अन्य तीर्थों पर भी हिन्दू-मुस्लिम भाई मिलकर तीर्थयात्रियों की सेवा करते हैं .ईसाई समाज को भी भारत में समान रूप से सम्मान प्राप्त है क्योंकि वे भी हमारे धर्म को सम्मान देते हैं .आप देश की फिज़ा बिगाड़ने का प्रयास ब्लॉग के माध्यम से न करें और हां सोनिया जी को इस सब में घसीटने से पहले उत्तराखंड की सरकार को घसीटें जो हिन्दुओं की ही है .
   हमारे भारत की एकता व् अखंडता के लिए ये जरूरी है की हम सब किसी भी  समस्या  को मजहबी  रंग  में न रंगें .सारे भारत में सब धर्मों  के लोग केदारनाथ में आई इस प्रलय में जान गँवा देने वाले  भक्तों की आत्मा की शांति हेतु दुआएं मांग रहे हैं व् फंसे हुए नागरिकों को राहत सामग्री भिजवाने हेतु तत्पर हैं .आप जैसे लोगों से भी यही प्रार्थना   है की इन सब पर ध्यान दें न की राजनीति चमकाने  पर और हां  हिन्दू कहकर खुद को हिन्दू धर्म की छवि ख़राब न करें .
           यही नहीं अपनी अगली पोस्ट में तो इन्होने सेना द्वारा किये जा रहे आपदा प्रबंधन को मात्र ''कॉग्रेसी आपदा प्रबंधन '' [कांग्रेसियों का आपदा-प्रबंधन अनोखा है। भावी प्रधानमंत्री राहुल और आपदाग्रस्त राज्य के मुख्यमंत्री विदेशों में सैरसपाटा करते हैं ! सोनिया उत्तराखंड की जगह राजस्थान का दौरा करती हैं और दसियों हेलिकौप्टर अपनी सेवा में लगाती हैं जबकि इन्हें आपदाग्रस्त लोगों को बचा�...]का नाम देकर देश सेवा में लगे हमारे हजारों सैनिकों को भी अपमानित कर डाला .क्या सेना भी सोनिया जी के आदेश पर काम करेगी ?सेना का अपना तरीका है आपदाओं से निपटने  का .उन्हें कितने हैलीकॉप्टर चाहिए ?ये सेना स्वयं तय करेगी या सोनिया जी ? बहुत बचकाने तरीके से भारतीय हिन्दू जनता को कौंग्रेस के खिलाफ भड़काने का प्रयास करने वाले ऐसे ब्लोगर अपनी लेखन क्षमताओं   का दुरुप्रयोग तो कर ही रहे  हैं साथ ही देश की जनता को दिग्भ्रमित करने का काम भी कर रहे हैं .

शिखा कौशिक 'नूतन '

6 टिप्‍पणियां:

Shikha Kaushik ने कहा…

धर्म की राजनीति चमकाने का वक्त नहीं है ये !

हर बात को धर्म से क्यों जोड़ देते हैं ZEAL जैसे लोग?

Sunil Deepak ने कहा…

शिखा जी, मैं तो यह भी सोचता हूँ कि हिन्दु धर्म के अनुसार धरती के कण कण में वही भगवान हैं, वही शक्ति माँ है तो मूर्ति हटने से कहर गिरेगा जैसी बातें करना अन्धविश्वास ही नहीं, धर्म के भी विरुद्ध नहीं है क्या? जो लोग इस तरह की बातें करते हैं वह ऊपर से धर्म बचाओ की बात करते हैं, पर सचमुच उनका ध्येय लोगों को धर्मों, जातियो में बाँट कर उसका राजनीतिक फायदा उठाना है.

Shalini kaushik ने कहा…

धर्म इतना संकुचित नहीं होता जितना zeal जी जैसे लोग इसे बनाये जा रहे हैं .ये गंगा जमुनी तहजीब वाले हमारे देश में धर्मान्धता फ़ैलाने में लगे हैं .सेना वहां काम कर रही है और किसके निर्देश पर कर रही है सभी जानते हैं सबसे ज्यादा अफ़सोस की बात तो ये है की ये अपनी लेखन क्षमता का दुरूपयोग कर जब देखो कौंग्रेस को ही निशाना बना लिखने में लगे रहते हैं अरे भाई इस देश की समस्याओं का समाधान इस देश के परिवेश में गहरे से उतरने पर होगा न की दूर दूर बैठकर सोनिया राहुल या कौंग्रेस की बुराई से .वैसे भी कौंग्रेस ने जिस जनता के मन में जगह बनायीं हुई है वह जगह ऐसे कुत्सित प्रयासों से खाली होने वाली नहीं .लगे रहिये और अपने समय का दुरूपयोग करते रहिये .सच्चाई को शब्दों में बखूबी उतारा है आपने . आभार गरजकर ऐसे आदिल ने ,हमें गुस्सा दिखाया है . आप भी जानें संपत्ति का अधिकार -४.नारी ब्लोगर्स के लिए एक नयी शुरुआत आप भी जुड़ें WOMAN ABOUT MAN

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सटीक पोस्ट!

पूरण खण्डेलवाल ने कहा…

दिव्या श्रीवास्तव जी नें ऐसी कोई बात नहीं कही है जो सच नहीं हो ! सच से मुहं मोड़कर ओझल भले ही कर दिया जाए !

kunwarji's ने कहा…

हमारे देश में हर एक बात धर्म से ही तो जुडी होती है!ये बात सही है कि भगवान् कण-कण में व्याप्त है! तो कोई एक स्थान उसकी प्रतिमा या उसके लिए कैसे हो सकता है!...? इस पर मेरे मस्तिष्क में एक बात बहुत पहले सुनी हुयी बात आ गयी अचानक!
हमारे पूरा शरीर हम ही है, पैर के नाखून से लेकर शिखा तक, पर खाना हम केवल मुह से ही खाते है,सांस केवल नाक से ही लेते है!ऐसे ही भगवान् कण-कण में तो है जरूर......
और सच में धर्म इतना संकीर्ण नहीं होता, पर वर्तमान परिस्थिया ऐसा ही दिखा रही है.... एक साधारण मन जरुर ऐसा सोचने पर विवश हो जाएगा!जहा धर्म संकीर्ण नहीं है उस स्थिति में सबकी प्रज्ञा पहुँच जाए तो सभी समस्याए स्वतः ही हल हो जाए!
रही बात परम पूज्य सोनिया जी से पहले उत्तराखंड सरकार को घसीटने की बात तो शिखा जी जितने भी कांग्रेस सरकारे है(राज्य से लेकर देश तक की) सभी सोनिया जी के आदेशानुसार ही सांस ले रही है!
और उदाहरण बहुत इस सरकार के कार्यकाल में हुयी दुखद घटनाओ के जिनके कारण zeal जी ऐसा सोचने पर विवश हो गयी!
कुँवर जी,